Bihar Voter Revision: बिहार में SIR (Special Summary Revision) को लेकर जहां एक ओर सियासी घमासान मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़े हैरान करने वाले हैं। बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र के दौरान जारी इस रिपोर्ट ने राज्य में मतदाता सूची की स्थिति पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

चौंकाने वाले खुलासे

भारत निर्वाचन आयोग ने 22 जुलाई को गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत जो नए आंकड़े सार्वजनिक किए हैं, वे काफी महत्वपूर्ण हैं। आयोग द्वारा अब तक की गई समीक्षा में सामने आया है कि:

  • 18 लाख मृतकों के नाम अभी भी मतदाता सूची में दर्ज हैं।
  • 7 लाख वोटर ऐसे पाए गए, जिनके नाम दो जगहों पर दर्ज हैं, यानी वे डुप्लीकेट वोटर हैं।
  • 26 लाख मतदाता ऐसे हैं, जो अपने पुराने विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित हो चुके हैं, लेकिन उनका नाम अब तक अपडेट नहीं हुआ है।

25 जुलाई तक चलेगा अभियान

गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान 26 जून से शुरू किया गया था और इसका पहला चरण 25 जुलाई तक चलेगा। इस अवधि में मतदाताओं की जानकारी को अपडेट करने, गलतियों को सुधारने और डुप्लीकेट या मृतक मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया की जा रही है।

1 अगस्त को आयोग द्वारा संशोधित ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की जाएगी। इसके बाद मतदाता दावा और आपत्ति दर्ज कराने में सक्षम होंगे, जिससे वे अपने वोटिंग अधिकार से जुड़े किसी भी त्रुटि को सही करवा सकते हैं।

अब तक की समीक्षा का संक्षेप:

  • बिहार में कुल 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 पंजीकृत मतदाता हैं।
  • इनमें से 90.67% यानी 7 करोड़ 16 लाख 4 हजार 102 मतदाताओं के गणना फॉर्म आयोग को प्राप्त हो चुके हैं।
  • अभियान के दौरान 6.62% मतदाता अपने पते पर नहीं मिले, जिनकी संख्या लाखों में है।
  • अब तक 21 लाख 35 हजार 616 मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने अपना गणना फॉर्म नहीं भरा है, जो कुल मतदाताओं का केवल 2.70% है।

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