सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश माथुर (71) की अस्थायी सदस्यता समाप्त कर दी है। बार एसोसिशन ने गुरुवार को वकील राकेश को संगठन से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया और उनका प्रवेश कार्ड भी रद्द कर दिया है। अब उनको किसी सूरत में सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा। भारतीय बार काउंसिल ने आरोपी वकील को पहले ही निलंबित कर दिया था।

बार एसोसिएशन ने क्या कहा?

बार एसोसिएशन ने जारी नोटिस कहा, “ऐसा निंदनीय, अव्यवस्थित और असंयमित व्यवहार न्यायालय के एक अधिकारी के लिए पूरी तरह से अनुचित है और यह पेशेवर नैतिकता, शिष्टाचार और सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा का गंभीर उल्लंघन है। राकेश किशोर द्वारा किया गया हमला न्यायिक स्वतंत्रता और अदालती कार्यवाही की पवित्रता पर सीधा हमला है। कार्यकारी समिति ने यह विचार किया कि राकेश किशोर को अस्थायी सदस्य बनाए रखना एसोसिएशन के सदस्यों से अपेक्षित गरिमा-अनुशासन के साथ पूरी तरह असंगत होगा।”

पूर्व जस्टिस ने CJI को ठहराया जूता कांड का जिम्मेदार

वहीं इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू(Markandey Katju) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई(B R Gawai) को जिम्मेदार ठहराया है। काटजू ने कहा कि न्यायाधीशों को अदालत में अधिक बात नहीं करनी चाहिए और प्रवचन देने से बचना चाहिए। यह बयान उस घटना के संदर्भ में आया है, जब 72 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने अदालत में ही सीजेआई गवई की तरफ जूता फेंकने की कोशिश की थी। किशोर का दावा था कि उन्होंने सीजेआई की कुछ टिप्पणियों से व्यक्तिगत रूप से आहत महसूस किया।

काटजू ने एक्स पर लिखा, “मैं सीजेआई पर जूते फेंके जाने की निंदा करता हूं, लेकिन उन्होंने खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति से जुड़ी याचिका की सुनवाई करते हुए खुद ही इस घटना को न्योता दिया था। उन्होंने कहा था, ‘आप कहते हैं कि आप विष्णु के बहुत बड़े भक्त हैं। जाएं और जाकर देवता से कहें कि वह खुद ही कुछ करें। जाएं और प्रार्थना करें। ऐसी टिप्पणियों की कोई जरूरत नहीं थी, ये अनुचित थीं और गैर जरूरी थीं। इसका केस के कानूनी मुद्दों से कोई लेना देना नहीं था। जजों को कोर्ट में कम बोलना चाहिए, प्रवचन, उपदेश या व्याख्यान नहीं देने चाहिए।”

क्या है मामला?

सोमवार 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने अचानक अपना जूता निकाल लिया और उसे CJI गवई की तरफ फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, उसे मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों ने पकड़ लिया। आरोपी वकील ने “सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” का नारा भी लगाया। घटना के बाद CJI ने उस पर कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया। आरोपी वकील ने मीडिया में अपने किए पर कोई खेद नहीं जताया।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m