प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेलवे स्टेशन में संचालित सन शाईन केटरर्स के सभी टी स्टॉल और फूड ट्रॉली बिना किसी लाईसेंस फीस और वैध दस्तावेज के संचालित हो रहे है. आलम ये है कि इनका लाईसेंस 20 जुलाई को खत्म हो चुका है और रेलवे के अधिकारियों ने 19 जुलाई को रिन्यू कर लेटर जारी कर दिया है, लेकिन उक्त फर्म द्वारा रेलवे को लाईसेंस फीस जमा नहीं की गई है.

लेकिन सब कुछ जानते हुए भी रेलवे के अधिकारियों ने आंखे बंद कर ली है. न आरपीएफ न सीआईबी सब जानते हुए कार्रवाई से बच रहे है. खुद कमर्शियल विभाग के अधिकारी भी ये जानते हुए कि लाईसेंस फीस जमा नहीं की गई है और बिना वैध दस्तावेज के वेंडर चल रहे है वे कार्रवाई की जहमत नहीं उठा पा रहे है.

1 साल की फीस जमा करने दिया गया पत्र

सूत्र बताते है उक्त फर्म को 1 साल की लाइसेंस फीस जमा करने के लिए पत्र सौंपा गया है. संभवतः यही कारण है कि फर्म ने अब तक रेलवे को लाइसेंस फीस जमा नहीं की है. फर्म से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वे कमर्शियल विभाग के अधिकारियों से संपर्क में है और रेलवे को 3 महीने का लाईसेंस फीस दिए जाने का आवेदन दिया है.

लल्लूराम डॉट कॉम ने इससे पहले भी उक्त फर्म को लेकर व्याप्त खामियां उजागर की थी, जिसमें बैंक अकाउंट न होना अहम है. सूत्र बताते है कि रेलवे ने कैश लेने से इनकार कर दिया है और डीडी के जरिए लाईसेंस फीस जमा करने की बात कही है.

लेकिन कंपनी का बैंक अकाउंट न होने के कारण भी ये देरी हो रही है. लेकिन बिना वैध दस्तावेज इतनी संख्या में वेंडर और दुकानें संचालित होने के बावजूद कार्रवाई न होने, इस बात को दर्शाता है पूरा मामला एक बड़ी पहुंच वाले व्यक्ति का है, जो GM और रेलवे बोर्ड तक अपनी पहुंच रखता है.  

इस संबंध में रायपुर रेल मंडल के DRM से लल्लूराम डॉट कॉम ने बातचीत की, उनका कहना था कि रिन्यूवल प्रोसेस में कमेटी बैठती है और उस प्रक्रिया में देरी होती है, उन्होंने ये स्वीकारा कि अब तक ये प्रक्रिया हो जानी चाहिए थी.

लेकिन आपको बता दें कि DRM जिस प्रक्रिया की बात कह रहे है वह पूरी हो चुकी है और लाइसेंस जमा करने में देरी फर्म की तरफ से है.