वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. बिलासपुर जोन कार्यालय 7 में पटवारी कार्यालय के लिए आरक्षित सरकारी भूमि पर नियम को ताक पर रखकर दुकानें बना दी गई और चहेते लोगों को बांट दिया गया. यह आरोप स्थानीय लोगों ने ग्राम पंचायत और निगम प्रशासन पर लगाया है. इस मामले में अफसरों का कहना है कि शिकायत पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी. यह मामला सरकंडा क्षेत्र के मोपका इलाके का है.

बता दें कि बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र के अंतर्गत मोपका इलाके में सड़क किनारे सरकारी भूमि पर पटवारी कार्यालय के लिए जमीन आरक्षित रखी गई थी, लेकिन पंचायत ने इसमें दुकान का निर्माण का प्रस्ताव पारित कर दिया और निर्माण कार्य कराया जा रहा था. इसी बीच इस निर्माण पर कोर्ट से स्टे हुआ तो काम को बंद कर दिया गया.

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और कुछ समय के बाद इस क्षेत्र को परिसीमन में शामिल कर निगम क्षेत्र घोषित कर दिया गया. इसके बाद निगम उक्त भूमि को अपने अधिपत्य में लेकर स्टे हटवाकर पुनः निर्माण कार्य को कराकर दुकानें बनवा दी. बगैर सूचना के अपने-अपने लोगों को सस्ते दरों में दुकानें भी दे दी.

जांच कर कार्रवाई की जाएगी : जोन कमिश्नर

इस मामले में जोन कमिश्नर ने कहा कि पंचायत द्वारा दुकान का निर्माण कराया गया था. निगम में शामिल होने के बाद निगम ने जर्जर दुकानों का मरम्मत कराया है. पटवारी कार्यालय के लिए जगह आरक्षित होने की जानकारी नहीं है. इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.