दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में जो कोहराम मचाया है। उससे हर कोई वाकिफ है। देश के करोड़ों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अब इसके चलते जंगल के राजा शेर के सामने भी भूखों मरने की नौबत आ गई है।
दरअसल, कोरोना के चलते देश में लागू लॉकडाउन की वजह से सरकारी, प्राइवेट, बिजनेस, कृषि सभी क्षेत्रों क़ो भारी नुकसान हुआ है। इसका असर सरकार के फंड पर भी पड़ा हझ। अब देश में बाघों के संरक्षण और देखभाल करनेवाली सरकारी संस्था राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने हर राज्य के लिए दिये जाने वाले फंड में 15% की कटौती करने का फैसला किया है। इस कटौती से बाघों की खुराक और खानपान पर काफी असर पड़ेगा और उसमें कटौती की जाएगी।
दरअसल, पूरे देश में लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी टाइगर रिजर्व को 15 जून तक के लिए बंद रखा गया है। जिससे इन टाइगर रिजर्व की दर्शकों से होने वाली कमाई भी ठप है। अब शेरों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। आंकडों पर गौर करें तो उत्तराखंड में राजाजी और जिम कार्बेट पार्क दो टाइगर रिज़र्व हैं। जिनकी सालभर की पर्यटकों से होने वाली कमाई करीब 11 करोड़ रुपया है। अब लॉकडाउन के कारण इन टाइगर रिजर्व की कमाई में भारी गिरावट आई है। ऐसे में शेरों और अन्य जंगली जानवरों के लिए खाने का प्रबंध सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।