श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला अदालत पहुंच गया है. मथुरा की अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है. जिसमें 13.37 एकड़ कृष्ण जन्मभूमि का स्वामित्व (मालिकाना हक) मांगा गया है. अपने भक्तों के साथ वादी बने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से केशव देव कटरा की जमीन के लिए अधिवक्ताओं के माध्यम से यह याचिका दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि वर्ष 1973 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी द्वारा जमीन संबंधी की गई डिक्री रद्द की जाए.

 इस पूरे मामले के जानकारों की माने तो न्यायालय में दाखिल याचिका में कहा गया है कि जमीन के मालिक कृष्ण जन्मस्थान पर विराजमान भगवान श्रीकृष्ण है. जमीन पर मालिकाना हक उनका है. जबकि श्रीकृष्ण जन्म स्थान सोसाइटी द्वारा 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव की जमीन का समझौता हुआ और 20 जुलाई 1973 को यह जमीन समझौते के बाद डिक्री की गई.

याचिका में मांग की गई है कि भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की जमीन की डिक्री करने का अधिकार सोसाइटी को नहीं हो सकता है. लिहाजा डिक्री खत्म की जाए और भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को उनकी 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक दिया जाए. अधिवक्ताओं ने बताया कि याचिका में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है.