रायपुर. पेशे से बस कंडक्टर ,गिरगिरा ,चंद्रपुर निवासी, 34 वर्षीय, कन्हैया साहू को बचपन से ही सांस लेने में तकलीफ होती थी, जैसे -जैसे उम्र बढ़ी, उनके लक्षण अजीब से होते चले गए, सीने में उन्हें जब दर्द होता था तो उनका हार्ट 20 से 25 सेकेंड के लिए बंद हो जाता था. उन्होंने रायपुर देवेंद्र नगर स्थित श्री नारायणा हॉस्पिटल में चेक अप करवाया, जहाँ के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ बिनोद अग्रवाल एवं डॉ मनोज गुप्ता ने सघन जांच में पाया कि मरीज की बीमारी अत्यंत रेयर, है जो लाखों में से किसी एक को होती है.

सामान्य तौर पर हर व्यक्ति के फेफड़े की नस हार्ट के बाई और खुलती है. लेकिन कन्हैया के फेफड़े की नस ,एक नया रास्ता बना कर हॉरट के दांई और खुलने लगी थी. इस वजह से मरीज को इतनी सारी तकलीफें झेलना पड़ रही थीं, इस तरह के मरीजों की बचपन में ही हार्ट सर्जरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन किसी कारणवश मरीज को पता ना चल सका और उसकी स्थिति अत्यंत  गंभीर होती चली गई.

श्री नारायणा हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ मनोज मोहाराणा एवं कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ अजीत लहारिया और उनकी दक्ष टीम ने इस जटिल हार्ट सर्जरी को बहुत ही दक्षता के साथ सफलतापूर्वक संपन्न किया, कार्डियक सर्जन डॉक्टर मनोज मोहाराणा  ने बताया कि, सामान्यतः ऐसे मरीज अपनी तकलीफों की वजह से जन्म लेने के दो-तीन साल के भीतर ही हॉस्पिटल पहुंच जाते हैं, लेकिन कन्हैया साहू ऐसी तकलीफें अपने बचपन से ही झेलता रहा ,कन्हैया साहू की यह कंपलेक्स हार्ट सर्जरी, मरीज की बहुत ही क्रिटिकल अवस्था में होते हुए भी की गई, 8 घंटे चली इस मेजर सर्जरी में, फेफड़े की जो नस, नया रास्ता बना कर दांई और खुल गई थी, उसे बंद करके नया सिस्टम चालू किया गया, ऑपरेशन करते समय देखा गया कि मरीज के हार्ट का tricuspid valve लीक हो गया था,उसे भी रिपेयर किया गया और इस तरह मरीज को नया जीवन मिला.

श्री नारायणा हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सुनील खेमका ने ऐसी कॉन्प्लेक्स क्रिटिकल हार्ट सर्जरी की सफलता पर पूरी कार्डियक टीम  को बधाई दी, और बताया कि छत्तीसगढ़ के हार्ट पेशेंट को अब मेट्रो शहरों के स्तर की सुविधाएं अब यहीं पर मिलने लगी है , दिल के बड़े से बड़े रिस्की ऑपरेशन अब यहीं छत्तीसगढ़ में भी सफलतापूर्वक संपन्न होने लगे हैं.