Shri Ram Darbar Prana Pratishtha 2025, अयोध्या. राम जन्मभूमि मंदिर में श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा से पहले स्वार्णिम मंदिर अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है. भूतल से लेकर 161 फीट ऊंचा शिखर मंदिर की भव्यता और अलौकिक और अद्भुत स्वरूप प्रदान कर रहा है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का दावा है कि उत्तर भारत का सबसे अलौकिक स्वार्णिम मंदिर का निर्माण हुआ है. दूसरे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत कल यानी ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी (3 जून) से हो जाएगी. इससे पहले आज कलश यात्रा निकाली जाएगी.

कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं 108 कलश में पवित्र सरयू का जल लेकर राम जन्मभूमि परिसर पहुंचेंगीं. जहां इन सभी कलशों का पूजन किया जाएगा. राम मंदिर परिसर में 14 से ज्यादा देव मूर्तियों के प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. इसके लिए तीन जून से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 101 वैदिक आचार्य के द्वारा प्रारंभ किया जाएगा. पूजन में सबसे पहले मूर्तियों के निर्माण संबंधित प्रायश्चित पूजा संपन्न होगा.
इसे भी पढ़ें : Ayodhya Ramlala Aarti Live Darshan 2 June: श्री रामलला सरकार का दिव्य श्रृंगार, यहां कीजिए अलौकिक दर्शन
राम मंदिर में दूसरे प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के पहले मंदिर के शिखर को स्वर्ण जड़ित के साथ मंदिर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया है. इस मंदिर में भूतल पर भगवान श्री रामलला विराजमान है और प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना (Shri Ram Darbar Prana Pratishtha 2025) की गई है. जिसमें माता सीता और प्रभु श्री राम सिंहासन पर विराजमान है और भक्त हनुमान व भाई लक्ष्मण प्रभु के चरणों में हाथ जोड़कर बैठे हुए हैं. इसके साथ ही भरत और शत्रुघ्न भी सिंहासन के दोनों दिशाओं में खड़े हुए हैं.
मंदिर परिसर में होगी इन देवी-देवाताओं की प्राण प्रतिष्ठा
बता दें कि नव्य भव्य श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के नवनिर्मित आठ देवालयों में एक संग अनुष्ठानपूर्वक प्राण प्रतिष्ठा होगी. परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्निकोण में प्रथम पूज्य श्री गणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैऋत्य कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. मुख्य मन्दिर में प्रथम तल पर श्रीराम दरबार तथा परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी.
इसे भी पढ़ें : UP WEATHER TODAY : आंख मिचौली खेल रहा मौसम, 5 जून तक जारी रहेगा बारीश का सिलसिला, इसके बाद फिर पड़ेंगे लू के थपेड़े
कलश यात्रा के अगले दिन त्रिदिवसीय आयोजन ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी (3 जून) से प्रारम्भ होकर दशमी (5 जून) को पूजा,भोग, आरती के साथ परिपूर्ण होगा. अनुष्ठान तीनों दिन प्रातः साढ़े छह बजे प्रारम्भ होगा. 3 और 4 जून को पूजन विधि प्रातः साढ़े 6 बजे से प्रारम्भ होकर सायंकाल इसी समय तक पूर्ण होगी. ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी (पांच जून) को पूजन प्रातः साढ़े 6 बजे प्रारम्भ होकर पूर्वाह्न 11:20 तक चलेगा. प्राण प्रतिष्ठा 11.25 से होगी. इसके पश्चात पूजा, भोग एवं आरती होगी. इस दिन सभी कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक पूर्ण हो जाएंगे.
प्रथम तल पर एक बार में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं की एंट्री
इन मन्दिरों को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोलने की तिथि पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना है. प्रथम तल पर स्थित श्रीराम दरबार के दर्शन के लिए सीमित संख्या में ही अनुमति दी जाएगी. संभवतः प्रति एक घंटे में 50 श्रद्धालुओं के लिए ही अनुमति पत्र निर्गत किए जाएंगे. विस्तृत योजना पर अभी न्यास में विमर्श चल रहा है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें