गरियाबंद. श्रीलंका से निकलकर गरियाबंद पहुंची श्रीराम वनगमन पथ काव्ययात्रा का शहर में जोरदार स्वागत हुआ. रामभक्तों द्वारा बैंड बाजे और अतिशबाजी के साथ श्रीराम के जयकारे लगाकर काव्ययात्रा का स्वागत किया. श्रीराम वनगमन पथ काव्ययात्रा का तकरीबन शाम 6 बजे शहर आगमन हुआ. शहरवासियों द्वारा काव्ययात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया. नगर भ्रमण के दौरान बड़ी संख्या में रामभक्त काव्ययात्रा में शामिल हुए. इस दौरान पूरे शहर में श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे.

मिली जानकारी के अनुसार काव्ययात्रा के नगर भ्रमण के पश्चात बस स्टैंड पर पूजा अर्चना का कार्यक्रम आयोजित होगा. उसके बाद रात्रिकाल में कवि सम्मेलन का आयोजन होगा. कल सुबह यात्रा अपने अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान करेगी. काव्ययात्रा के आयोजकों से मिली जानकारी के अनुसार यात्रा की शुरुवात एक मार्च महाशिवरात्री के दिन श्रीलंका से भगवान श्रीराम के चरणपादुका की पूजा अर्चना से हुई. इसके बाद यात्रा रामेश्वरम पहुंची जहां भगवान श्रीराम के रथ के साथ काव्ययात्रा आगे बढ़ी. यात्रा उन सभी मार्गो से गुजरते हुए 11 अप्रैल को अयोध्या पहुंचेगी जहां से वनवास के दौरान श्रीराम अयोध्या से श्रीलंका पहुंचे थे.

यात्रा 41 दिन में देश के आठ राज्यों के प्रमुख 232 स्थानो से होकर गुजरेगी. काव्ययात्रा के गुजरने वाले सभी स्थानो पर धर्मबंधुओ और श्रीराम भक्तों द्वारा भव्य स्वागत किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रमुख स्थानो में कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में काव्ययात्रा आज गरियाबंद पहुंची है. छत्तीसगढ़ में यह यात्रा चिहिंत 9 स्थानों में कवि सम्मेलन और विश्राम के लिए रूकेंगी. जिसमें 19 मार्च को राजनांदगांव, 20 मार्च को धमतरी, 21 मार्च को जगदलपुर से ओडिसा के मलकानगिरी होते हुए 23 मार्च को गरियाबंद आगमन हुआ है.

श्रीराम वनगमन पथ काव्ययात्रा का आयोजन  राष्ट्रीय कवि संगम समिति द्वारा किया जा रहा है. समिति के छगत्तीसगढ़ प्रांत के प्रांताध्यक्ष योगेश अग्रवाल, राष्ट्रीय संरक्षक चतुर्भुज अग्रवाल भी अपनी टीम को लेकर काव्ययात्रा के साथ चल रहे है. प्रांत संयोजिका मल्लिका रूद्रा तन्मयता के साथ व्यवस्था में लगी हुई है. प्रतिदिन यात्रा के स्वागत, कवि सम्मेलन के आयोजन, यात्रा की व्यवस्था की तैयारी की समीक्षा कर रही है. सहसंयोजक के रूप में कमल किशोर शर्मा व देवेंद्र परिहार उनका सहयोग कर रहे हैं.