मुंबई. शुभ मुखर्जी, जिन्हें एक प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता और निर्देशक के रूप में जाना जाता है, की शोबिज़ में यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है. मात्र 17 साल की उम्र में जीरो से शुरुआत कर, उन्होंने फीचर फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री और एड फिल्म निर्माण में अपना एक अलग मुकाम बनाया.
शुभ ने भारतीय फिल्म उद्योग के कई बड़े नामों जैसे हनी सिंह, विक्की कौशल, मीरा कपूर और नीलम कोठारी के साथ काम किया है. 13 साल के लंबे अंतराल के बाद, उन्होंने अपनी वापसी ‘कहवा’ के साथ की, जिसने कान्स में स्टैंडिंग ओवेशन भी हासिल किया. इस साल, शुभ एक फीचर फिल्म लिख रहे हैं, जिस पर वह काफी समय से काम कर रहे हैं. हाल ही में उन्हें एस.एस. राजामौली के साथ काम करने का सुनहरा मौका मिला.
शुभ अपने अनुभव साझा करते हुए कहते हैं, “राजामौली सर जैसे महान व्यक्तित्व को निर्देशित करना मेरे लिए सबसे अद्भुत अनुभवों में से एक था. इंडस्ट्री के कई अन्य लोगों के साथ काम करने के बाद, उनके साथ काम करना इसलिए अलग था क्योंकि वह इतने बड़े फिल्म निर्माता होने के बावजूद कितने विनम्र और सरल हैं. वह तकनीकी मामलों में गहरी समझ रखते हैं, फिर भी उन्होंने कभी भी इस प्रक्रिया पर सवाल या संदेह नहीं जताया. उनकी एकमात्र चिंता यह थी कि हम समय का सही तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन कैमरा, साउंड या अन्य तकनीकी क्षेत्रों में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया, भले ही वह उन क्षेत्रों में माहिर थे.”
शुभ आगे कहते हैं, “राजामौली जितने कैमरे के पीछे कुशल हैं, उतने ही कैमरे के सामने भी. कुछ ही घंटों में सीन की शूटिंग करने के बावजूद, उन्हें निर्देशित करना बहुत सहज था. जब उन्होंने ‘राजामौली अभिनेता’ के रूप में भूमिका निभाई, तो उन्होंने पूरी जान डाल दी. वह हर किरदार में खुद को डूबा लेते हैं, एक परफेक्शनिस्ट की तरह. वह सेट पर सबसे उदार, दयालु और जमीन से जुड़े व्यक्तित्व थे. कभी-कभी विश्वास करना मुश्किल होता था कि आप दुनिया के सबसे महान फिल्म निर्माताओं में से एक के साथ खड़े हैं. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला. यह अनुभव सच में अवास्तविक था.”
शुभ मुखर्जी के लिए, राजामौली के साथ काम करना सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं बल्कि एक अविस्मरणीय यात्रा थी.