संतोष राजपूत, शुजालपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शुजालपुर (Shujalpur) में मंगलवार को न्यायालय ने 12 वर्षीय बच्चे की हत्या के मामले में उसकी मां और प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह सजा भाई की लाश देखकर बिलखने वाली 16 साल की बहन की गवाही के आधार पर दी गई। घटना अकोदिया पुलिस थाना क्षेत्र में जाटपुरा इलाके में 11 महीने पहले हुई थी। बच्चे का शव मिलने के बाद पुलिस ने हत्या के आरोप में मृत बच्चे की मां और उसके प्रेमी को पकड़ा था। बच्चे ने संदिग्ध अवस्था में देखने के बाद इन्होंने बालक की हत्या की थी।

ये है पूरा मामला

अभियोजन अधिकारी संजय मौरे ने बताया कि अकोदिया के जाटपुरा इलाके में 3 मई 2022 को शाम करीब 5 बजे 12 वर्षीय वरुण बामनिया का शव उसके घर में सबसे पहले उसकी बहिन अंजली ने देखा था। बच्चे के गले और मुंह पर चोट के निशान थे। इस घटना में कक्षा 9 में पढ़ने वाली मृतक वरुण की 16 वर्षीय बहन अंजलि ने पुलिस को बताया था कि जिस दिन उसके भाई की लाश घर में मिली, उसी दिन सुबह उसकी मां और वह खुद प्याज के खेत पर मजदूरी करने साथ गए थे। पिता कैलाश भी फल फ्रूट का ठेला लगाने सुबह से ही चले गए थे। दोपहर को अंजलि अपनी मां ममता के साथ घर पर खाना खाने करीब 2 बजे आई थी। जब वह घर पहुंची तो घर पर उसका छोटा भाई वरुण और उज्जैन से उसके घर मां से मिलने आया संजय उर्फ सुदर्शन था। संजय खुद को मां ममता का मुंह बोला भाई बताता था।

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खाना खाने के बाद दोपहर 2 बजे के बाद मां घर से वापस मजदूरी पर जाने का कहकर चली गई और बेटी अंजलि को सामने रहने वाली रीना भाभी के यहां जाने को कहा। अंजलि भाभी के यहां से शाम करीब 5 बजे वापस अपने घर पहुंची, तो दरवाजा बाहर से लगा हुआ था। अंदर गई तो छोटा भाई वरुण बिस्तर पर औंधे मुंह घायल अवस्था में पड़ा था। घबराकर अंजलि ने पड़ोसियों को बुलाया। तभी उसकी मां और संजय भी वहां आ गए। पुलिस ने घटनास्थल को सील कर शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सुपुर्द कर दिया था। बाद में मामले की जांच में अंजली ने पुलिस को बताया कि उसे अपनी मां और उसके मुंह बोला के बीच अवैध संबंधों को लेकर संदेह था। अंजलि के दिए गए बयान मेंअनुसार अवैध संबंधों को छुपाने के लिए ही मां ने संजय के साथ मिलकर उसके 12 वर्षीय भाई को मार डाला।

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पड़ोसी की गवाही भी बनी महत्वपूर्ण

इस मामले में घटनास्थल के सामने ही रहने वाले सुरेंद्र मालवीय ने भी अपने बयान में बताया कि घटना के दिन दोपहर करीब 2 बजे वह अपने घर के बाहर पर बैठा था। तभी संजय ममता के घर आया था। बेटी रीना को सामने रिश्तेदार के यहां भेजने और खुद मजदूरी पर जाने का कहकर निकली। ममता थोड़ी देर बाद ही वापस अपने घर आ गई थी। उस समय घर पर ममता और सुरेंद्र थे। बाहर शोर की आवाज आ रही थी, जिसमें बच्चा वरुण चिल्ला रहा था कि वह अपने पापा को सब कुछ बता देगा। दोनों आरोपी बच्चे वरुण को समझा रहे थे कि किसी को कुछ मत बताना। कुछ देर बाद शोर आना बंद हो गया और एक-एक कर ममता और सुरेंद्र घर से बाहर निकल कर चले गए और कुंडी लगा दी। शाम 5.15 बजे जब अंजलि के रोने की आवाज सुनी तब पता चला कि वरुण की हत्या हुई है। पड़ोसी ने अपने बयान में बताया कि ममता और संजय ने मिलकर वरुण की हत्या की है। उसने वरुण को आखरी बार उन्हीं के साथ चिल्ला चोट करते हुए सुना था।

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पिता और बच्चों को पहले से था शक

इस घटना के मुख्य गवाह अंजलि के बयान पर उसकी मां और प्रेमी को सजा हुई। अंजलि ए उसका मझला भाई वरुण और सबसे छोटी बहन गोरी परिवार में कुल तीन संतान थी। घर पर मां ममता बाई सूर्यवंशी के संजय का बीते चार पांच वर्ष से लगातार आना जाना था। संजय के घर आने-जाने से उसका छोटा भाई वरुण और पिता कैलाश ने आपत्ति लेते हुए कई बार ममता को मना कर चुके थे, कि इन्हें घर मत आने दिया करो। ममता उसे अपना मुंह बोला भाई बताकर कहती थी, कि उसे घर आने से मना नहीं कर सकते।

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