Shukra Gochar : सुख-संपदा, वैभव और ऐश्वर्य के कारक शुक्र ग्रह भी राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करेंगे. शुक्र देव 2 अक्टूबर को मध्य रात्रि 1 बजकर 02 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश किया है. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को सुख, शोहरत, प्रेम, रोमांस और विवाह का कारक माना जाता है. कुंडली में शुक्र मजबूत रहने से व्यक्ति को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही सच्चा प्यार भी मिलता है. इसके अलावा, विवाह उपरांत वैवाहिक जीवन भी खुशहाल रहता है.

वहीं शुक्र के कमजोर होने पर सुखों में कमी होने लगती है. शुक्र देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करने के बाद इस राशि में कुल मिलाकर 32 दिन और 4 घंटे तक रहेंगे. इस दौरान 17 अक्टूबर को पूर्वाफाल्गुनी और 30 अक्टूबर को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इसके पश्चात, 3 नवंबर को शुक्र देव कन्या राशि में गोचर कर जाएंगे. इससे मेष धनु तुला मकर और कुंभ राशि वाले जातक को अधिक लाभ प्राप्त होगा. इन राशि के जातकों का प्रेम संबंध मजबूत होगा.

शुक्र ग्रह राशि परिवर्तन (Shukra Gochar)

राशि परिवर्तन के दौरान शुक्र तुला राशि के आय भाव को देखेंगे. इस भाव में गुरु और शुक्र की उपस्थिति होने पर जातक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही प्रेम संबंध भी मजबूत होता है. ज्योतिषियों की मानें तो एकादश भाव में शुक्र की दृष्टि पड़ने पर जातक को प्यार में सफलता मिलती है. आसान शब्दों में कहें तो सच्चा प्यार मिलता है. इस दौरान प्रेम विवाह के योग भी बनेते हैं.

वर्तमान समय में कुंभ राशि में शनि वक्री चाल चल रहे हैं. 4 नवंबर को शनि देव मार्गी होंगे. उससे पूर्व कुंभ राशि के जातकों को अक्टूबर में प्रेम मामले में लाभ प्राप्त होगा. शुक्र राशि परिवर्तन के दौरान शुक्र देव कुंभ राशि के सप्तम में उपस्थित रहेंगे. इस भाव में शुक्र की उपस्थिति या दृष्टि होने पर जातक को सच्चा प्यार मिलता है. अतः शुक्र राशि परिवर्तन के दौरान आपको सच्चा प्यार मिल सकता है. ऐसा हो सकता है कि बिछड़ा प्यार भी वापस आ सकता है. वैवाहिक जीवन में भी खुशहाली आएगी.

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