संतोष राजपूत, शुजालपुर। मध्य प्रदेश में अब तक तो देखा जाता रहा है कि आम इंसान से अधिकारी काम करने के एवज में रिश्वत मांगी जाती थी। लेकिन एमपी यूं ही अजब नहीं है। अब शुजालपुर से बेहद अजीब मामला सामने आया है। जहां तहसीलदार पर पटवारी से रिश्वत मांगने का सनसनीखेज आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि पटवारी की 35 हजार रुकी हुई तनख्वाह रिलीज करने के नाम पर तहसीलदार ने उससे 30 हजार रुपए की डिमांड की थी। इसका एक कथित ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें दोनों के बीच लेनदेन को लेकर बातचीत करते सुना जा सकता है। हालांकि लल्लूराम डॉट कॉम इस कथित वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।

दरअसल शुजालपुर तहसीलदार नागेश पवार पर पटवारी महेश परमार से रुपए मांगने की बातचीत का कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। 1 मिनट 9 सेकंड की बातचीत में लेनदेन को लेकर क्या बात हो रही है आप भी सुने। 

तहसीलदार: महेश, तुम्हारे काम का क्या हुआ? 3 महीने हो गए। 
पटवारी: सर करता हूं, एक दो दिन रुक जाओ। 
तहसीलदार: 3 महीने रुक गया, पहले दे रहे थे जब मैने मना किया। अब मैंने बोला तो तुम आराम कर रहे हो। 
पटवारी: थोड़ा उसमे कर लो, बहुत ज्यादा है।
तहसीलदार: तुम तो पहले इससे ज्यादा दे रहे थे।
पटवारी: मुझे 35 तनख्वाह मिली, अब उसमे से 20 और 10 वहा पर खर्च हो गए, तो फिर 5 ही बचे।
तहसीलदार: कहां पर?
पटवारी: वो साइन करवाए न सर।
तहसीलदार: मुझसे बोलते, 10 हजार मांगे, तो क्यों दिए तुमने।
पटवारी: सर, अच्छा नहीं लगता न, इधर उधर बोलना।
तहसीलदार: इतना ओछा आदमी है क्या, मुझसे बोलना था, कि पैसे लगेंगे, तो मना कर देता उसी टाइम। मैं नहीं लेता साइन के पैसे, यहां बैठे 2 लोगों की सीआर लिख दी। 
पटवारी: मैंने पूछा था, आपसे आपने पहले मना किया, अब थोड़ा उसमे कर लो ।
तहसीलदार: ठीक है, ले आना जितने हो।
पटवारी: मैं कल लाता हूं। 

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अब यह कथित ऑडियो वायरल होने पर शुजालपुर तहसीलदार नागेश पंवार ने सफाई देते हुए कहा कि लेन देन को लेकर कोई बात नहीं हुई है। पटवारी ने तोड़ मरोड़ कर इसे पेश किया है। जिस पटवारी का कथित ऑडियो वायरल हो रहा है उसे यहां से मई को रिलीव कर दिया गया है। उसका ऑनलाइन डेटा भी मई माह में दे दिया गया है। वह हमारे यहां पोस्टिंग में नहीं है। 

पटवारी महेश ने बताया कि यही 20 हजार की रकम या। अब तक न देने पर उसे सरकारी कार्य के दौरान मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गजिससे परेशान होकर वह अधिकारियों से आग्रह कर कालापीपल चला गया। वहां भी उसे परेशान कराया जा रहा है। फेसबुक पर भी पटवारी ने अपनी दास्तान लिखते हुए खुद को आत्महत्या के लिए मजबूर होना बताया है।

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