SI Recruitment Cancel: राजस्थान में SI भर्ती 2021 को रद्द करने की सिफारिश की गई है. अब इस मामले में सीएम भजनलाल शर्मा को फैसला लेना है. इस मामले में हाईकोर्ट में भी जवाब दाखिल होना बाकी है. लेकिन राजस्थान में SI भर्ती रद्द करने को लेकर सियासत चरम पर है.

राजस्थान में SI भर्ती रद्द करने को लेकर कई राजनेताओं ने समर्थन किया है. इसमें हनुमान बेनिवाल का नाम भी शामिल है. नागौर सांसद बेनीवाल ने एक ट्वीट कर सनसनीखेज आरोप सरकार पर लगाए हैं.

हनुमान बेनीवाल ने अपने एक्स हैंडलर पर एक पोस्ट शेयर कर कहा कि राजस्थान में पुलिस उप-निरीक्षक की भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर पेपर लीक होने के प्रमाण मिलने तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग जैसी संस्था की साख बंटाधार होने और RPSC सदस्यों की गिरफ्तारी होने के बावजूद राजस्थान की बीजेपी सरकार पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती को रद्द करने तथा विपक्ष में रहते हुए भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से करवाने जैसे की गई मांगो को भुला चुकी है. हर रोज होते पेपर लीक के मामलों ने राजस्थान के लाखों युवाओं के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. यह मामला केवल परीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था और सरकार की संवेदनशीलता पर भी गंभीर सवाल उठाता है. SOG द्वारा SI भर्ती का पेपर लीक होने की प्रमाण सहित पुष्टि करने और भर्ती रद्द करने की सिफारिश करने, PHQ द्वारा भी इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश करने तथा इस मामले में गठित मंत्रिमंडलीय उप -समिति द्वारा भी इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश करने और एडवोकेट जनरल द्वारा भी इस भर्ती को रद्द करने की राय व्यक्त करने के बावजूद सरकार SI भर्ती को रद्द करने की बात पर लंबे समय तक चुप्पी ने साधे हैं. इससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बेरोजगार युवाओं की समस्याओं और उनके भविष्य को लेकर पूरी तरह उदासीन है. S.I. भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर मैने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और देश के गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था. मेरे लिखे पत्र पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव से जवाब तलब भी किया था.

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मेरा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यह भी प्रश्न है कि आपकी सरकार के दो मंत्री और में बैठे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जो SI भर्ती को रद्द करने की सभी सिफारिशों पर इसलिए भारी पड़ रहे हैं. क्योंकि इस SI भर्ती में उन मंत्रियों और IAS अधिकारी की महिला मित्रों का भी फर्जीवाड़े से चयन हो रखा है, इसलिए क्या वो मंत्री और IAS अधिकारी मुख्यमंत्री से ऊपर है?

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