राजनांदगांव. सिद्धि फाउंडेशन और संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन के सहयोग से राजनांदगांव में महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल और पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्कूल में शुक्रवार को विद्यार्थियों में कैंसर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि राजनांदगांव मेयर हेमा सुदेश देशमुख, मुख्य वक्ता, डॉ. अर्पण चतुर्मोहता (सीनियर कैंसर सर्जन), सिद्धि मिरानी (फाउंडर, सिद्धि फाउंडेशन), सुनीता खरे (प्रिंसिपल, पदुमलाल पुन्नलाल बक्शी स्कूल), सीआर वर्मा (प्रिंसिपल, महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल) और सिद्धि फाउंडेशन सदस्य आरती श्रीवास्तव, अर्चना दास, दिव्य नागदिया, मनीष ने लोगों में जागरूकता फैलाने में सहयोग दिया.

इस दौरान सिद्धि मिरानी ने कैंसर से पीड़ित लोगों को स्वयं के अनुभव साझा करते हुए कैंसर से लड़ने और इलाज करवाने का प्रोत्साहन दिया. डॉ. अर्पण चतुर्मोहता ने विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के कैंसर और उनके लक्षणों से अवगत कराया.

डॉ. अर्पण ने बताया कि जब हमारे शरीर में कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं तो उसे कैंसर कहा जाता हैं. कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. त्वचा के कैंसर के कुछ आम लक्षण जैसे त्वचा पर तिल का आकार या संख्या का अचानक बढ़ना, भूरे या लाल रंग का घाव होना और लम्बे वक्त तक ठीक ना होना और त्वचा पर घाव का पपड़ी का परत उतरना है.

उन्होंने आगे बताया कि मुंह का कैंसर के कारक तंबाकू और उसके उत्पाद, एल्कोहोल, खैनी, गुटका, जर्दा, बीड़ी, सिगरेट इत्यादि मुंह के कैंसर के वजह का 80% हिस्सा हैं. 10 से 15% तक लोगों में मुंह के कैंसर का कारण: पैपिलोमा वायरस, नुकीले दांत और अत्याधिक मिर्ची का सेवन होता है.

उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर के कुछ आम लक्षण हैं. स्तन में गांठ होना, निप्पल का रिट्रेक्टेक्शन (पीछे की तरफ खिंचाव) होना, निप्पल में से रक्त का स्त्राव होना, निप्पल स्थान में छाला होना, बगल में गांठ होना, स्तन की त्वचा का संतरे के छिलके जैसा हो जाना. वजन में कमी, उल्टी होना, खाना ना टिकना, मल मूत्र की आदतों में रंग में परिवर्तन आना, पीलिया होना इत्यादि पेट के कैंसर के कुछ आम लक्षण हैं.

गाइनेकोलॉजिकल कैंसर के कुछ आम लक्षणों में मासिक के अलावा रक्तस्राव होना, मेनोपॉज के एक से डेढ़ साल बाद भी रक्तस्राव होना, पेट फुला हुआ लगना या पानी भरना, एडवांस्ड स्टेज में मल मूत्र और मासिक का रास्ता एक हो जाना और दिन भर रिसाव होना. आदि को गिना जाता है. अत्याधिक बारबेक्यू भोजन, अत्याधिक मांसाहारी भोजन एवं कुछ अनुवांशिक कारक गुदाद्वार के कैंसर के आम लक्षण होते हैं. इस कैंसर में फौजन सेक्शन से 80% मरीजों में अंग बचाने वाला ऑपरेशन किया जाता है.

सिद्धि मिरानी कहा कि अगर किसी भी कैंसर के कोई भी लक्षण का पता चले तो तुरंत अपने चिकित्सक से जाकर परामर्श लें. डॉ. अर्पण ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया की जितनी जल्दी कैंसर का पता चले उतना ही ज्यादा कैंसर के पूर्ण इलाज की संभावना बढ़ जाती है.

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