उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोशल मीडिया पर पनप रही प्रेम कहानियां परिवारों की बर्बादी की वजह बन रही हैं। यहां प्रेमजाल में फंसकर युवतियां और किशोरियां लगातार अपनों से दूर होती जा रही हैं। दो साल के अंदर जिले में कुल 64 महिलाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई। प्यार के नाम पर स्वार्थी होकर इन लड़कियों ने घर-परिवार छोड़ दिया। इनमें से 55 महिलाओं को पुलिस किसी तरह खोजकर घर वापस ले आई, लेकिन कई का अब तक सुराग नहीं लग सका है।

महिलाओं के लगातार गायब होने के मामले आने का महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। पुलिस ने महिलाओं के लगातार लापता होने के कारणों की जांच की तो ज्यादातर मामले प्रेम प्रसंग से जुड़े पाए गए। अल्मोड़ा में बेटियों की गुमशुदगी के मामलों में इंटरनेट मीडिया का बड़ा रोल रहा है। यहां फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप या अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म में अनजान लोगों से मिलने के बाद युवतियां घर छोड़ दे रही हैं।

बीते दो साल में 64 महिलाओं, युवतियों और नाबालिगों के लापता होने की शिकायत दर्ज की गई। वर्ष 2021 में जिले से कुल 30 महिलाएं लापता हुईं। इनमें से 27 को बरामद कर लिया गया। जबकि 2022 में लापता 34 युवतियों में से 28 बरामद हुई हैं। सबसे अधिक अल्मोड़ा पुलिस क्षेत्र से 17 महिलाएं लापता हैं, इसमें बालिग और नाबालिग दोनों शामिल हैं।

अल्मोड़ा के आपरेशन सीओ ओशीन जोशी ने बताया कि लड़कियों का इस तरह से लापता होना गंभीर विषय है। स्कूल, कालेज में लड़कियों के साथ अभिभावकों की काउंसिलिंग की भी जरुरत है। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने भी महिलाओं के इस तरह लापता होने के मामलों का संज्ञान लिया है। आयोग ने पुलिस को महिलाओं और बालिकाओं के लापता होने के मामलों के कारणों की जांच और काउंसलिंग करने के निर्देश दिए हैं।