चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर को फरार करने में मदद करने वाले एएसआई प्रीतपाल सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता कोई आम आदमी होता तो जमानत पर विचार किया जा सकता था, लेकिन कानून के रक्षक द्वारा कानून का उल्लंघन गंभीर मामला है और ऐसा व्यक्ति जमानत का हकदार नहीं है.
प्रीतपाल सिंह ने हाईकोर्ट में नियमित जमानत की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी. उन्होंने कहा कि वे एक साल और एक महीने से जेल में हैं और ट्रायल पूरा होने में समय लगेगा, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए. हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्यों का उल्लंघन किया और आम जनता के हितों के खिलाफ काम किया.
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार प्रीतपाल सिंह गैंगस्टर को पुलिस स्टेशन से अपने निजी वाहन में अपने आवासीय क्वार्टर में लेकर गए, जहां से गैंगस्टर भाग निकला. याचिकाकर्ता का काम विचाराधीन कैदी से पूछताछ करना था ताकि उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की सच्चाई का पता लगाया जा सके.
सरकार ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि याचिकाकर्ता एक पुलिस अधिकारी थे और उन्हें विचाराधीन गैंगस्टर दीपक उर्फ टीनू की हिरासत सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने गैंगस्टर को भागने में मदद की. कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता, जो अनधिकृत हथियारों के उपयोग को रोकने का काम करता है, खुद अपने सरकारी मकान में अवैध हथियार रखता था, जो उसकी गिरफ्तारी के बाद बरामद किया गया.
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