चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा फिर विवाद में घिर गए हैं. मुस्तफा ने अब चुनावी रैली के दौरान मालेरकोटला में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को महज एक किताब करार दे दिया. इसका वीडियो सामने आते ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) भड़क गई है. SGPC ने मुस्तफा को माफी मांगने के लिए कहा है. साथ ही सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गई है.

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SGPC के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कांग्रेस नेता मोहम्मद मुस्तफा को माफी मांगने को कहा. उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब समूची मानवता के अध्यात्मिक गुरु हैं. दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने जोति जोत समाने से पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब को गुरता गद्दी सौंपकर सिखों को उनके साथ जोड़ा था. श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंदर धर्म की अथाह श्रद्धा है, जिनके अंदर दर्ज गुरबाणी से अगवाई लेकर सिख अपना जीवन गुजार रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्तफा के बयान से सिखों की भावनाओं को काफी ठेस पहुंची है.

 

इससे पहले हिंदुओं को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर घिरे थे

इससे पहले मोहम्मद मुस्तफा हिंदुओं को लेकर दिए अपने बयान पर घिर गए थे. भाजपा ने आरोप लगाया था कि मुस्तफा ने जिला प्रशासन को धमकाया कि अगर उनके बराबर हिंदुओं को जलसा करने की इजाजत दी, तो ऐसे हालात कर दूंगा कि संभाल नहीं पाओगे. हालांकि मुस्तफा ने सफाई दी थी कि उन्होंने हिंदुओं नहीं फितनों कहा था, जिसका मतलब शरारती होता है. इस मामले में मुस्तफा के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था.

 

बीजेपी ने मुस्तफा पर लगाए गंभीर आरोप

भाजपा नेता हरजीत ग्रेवाल ने इस बयान पर कहा कि मोहम्मद मुस्तफा देश विरोधी हैं. उनके पाकिस्तान से रिश्ते हैं. SSP रहते भी वह कई विवादों में रहे, जिसकी वजह से उन्हें DGP नहीं बनाया गया, मुस्तफा की कारगुजारियों की जांच की मांग बीजेपी ने की है.