Significance of Nine Forms of Maa Durga in Navratri: नवरात्रि एक ऐसा पर्व है, जिसमें पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है. यह एक अनूठी परंपरा है, क्योंकि अक्सर अन्य देवी-देवताओं की पूजा उनके प्रमुख रूपों में ही होती है. तो फिर क्यों मां दुर्गा के ही इन नौ रूपों की उपासना की जाती है? दरअसल, नवरात्रि में हर दिन एक अलग देवी की पूजा करना सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह जीवन की एक आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है. मां दुर्गा को ‘आदि शक्ति’ माना जाता है, जो इस पूरे ब्रह्मांड की मूल और सर्वोच्च शक्ति हैं.

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Significance of Nine Forms of Maa Durga in Navratri
Significance of Nine Forms of Maa Durga in Navratri

क्या अन्य देवी-देवताओं के कई रूप होते हैं?

यह भी सही है कि अन्य देवी-देवताओं के कई रूप होते हैं. भगवान विष्णु के दस अवतार हैं, भगवान शिव के भी कई रूप हैं (जैसे भोलेनाथ, नटराज, अर्धनारीश्वर), और देवी लक्ष्मी के भी कई रूप हैं (जैसे गजलक्ष्मी, धनलक्ष्मी). लेकिन, नवरात्रि की तरह इन सभी रूपों को एक के बाद एक नौ दिनों तक पूजा करने की परंपरा नहीं है. इसके पीछे दो मुख्य कारण हो सकते हैं.

जीवन चक्र का प्रतिनिधित्व (Significance of Nine Forms of Maa Durga in Navratri)

नवरात्रि का नौ दिनों का चक्र जीवन के पूरे सफर को दिखाता है. एक नई शुरुआत (शैलपुत्री) से लेकर पूर्णता (सिद्धिदात्री) तक. यह मानव के विकास और आध्यात्मिक प्रगति को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाता है.

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शक्ति उपासना का महत्व (Significance of Nine Forms of Maa Durga in Navratri)

शक्ति को ही सृष्टि की रक्षक और पालनकर्ता माना गया है. जब भी संसार में बुराई बढ़ी, शक्ति ने ही उसे खत्म किया. इसलिए, शक्ति के विभिन्न रूपों को याद करना और उनकी पूजा करना हमें हर चुनौती का सामना करने की प्रेरणा देता है.

हर रूप में छिपा है एक खास गुण (Significance of Nine Forms of Maa Durga in Navratri)

यह नौ दिन हमें सिखाते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए हमें अलग-अलग गुणों को अपनाना होगा. मां के नौ रूप असल में शक्ति के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाते हैं, जो किसी भी इंसान के जीवन के लिए बेहद जरूरी हैं. यह नवरात्रि सिर्फ नौ देवियों की पूजा नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा है जहां हम इन सभी शक्तियों को अपने भीतर जगाने का प्रयास करते हैं.

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