Sikh girl Civil judge Exam Controversy: अमृतसर. पंजाब की एक सिख लड़की गुरप्रीत कौर को जयपुर स्थित पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में आयोजित सिविल जज की परीक्षा में ककारों (सिख धार्मिक प्रतीकों) के कारण परीक्षा हॉल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया. गुरप्रीत कौर, जो तरनतारन ज़िले के खडूर साहिब की निवासी हैं, ने इस घटना के विरोध में एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है.
वीडियो में गुरप्रीत ने बताया कि सुरक्षा जांच के दौरान उनसे कड़ा, किरपान और अन्य ककार हटाने को कहा गया. जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया, तो उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया.

Sikh girl Civil Judge Exam Controversy
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SGPC ने लिया संज्ञान (Sikh girl Civil judge Exam Controversy)
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने इस घटना को सिख धर्म का अपमान बताया. उन्होंने कहा कि ककार सिखों की धार्मिक पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं और संविधान भारत के नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है.
उन्होंने प्रशासन से यह सवाल किया कि जब सिख वकील और जज अदालतों में अपने धार्मिक प्रतीकों के साथ उपस्थित हो सकते हैं, तो एक सिख छात्रा को परीक्षा देने से क्यों रोका गया?
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सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर ने की निंदा (Sikh girl Civil judge Exam Controversy)
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी इस मामले में कड़ा विरोध दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि ककार सिखों की पहचान का अटूट हिस्सा हैं और इस तरह की घटनाएं संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हैं.
सुखबीर बादल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई की मांग की. इसके अलावा, हरसिमरत कौर बादल ने भी इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट कर इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया.
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