सिख गुरुद्वारा (संशोधन) बिल 2023 पंजाब विधानसभा में पास हो गया है। हालांकि अकाली दल के सदस्यों ने इसका विरोध किया। इससे पहले बिल पर बहस हुई।

बिल पर बहस के दौरान सीएम मान ने सदन में गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन का पूरा विवरण पढ़ कर सुनाया। उन्होंने कहा कि गुरबाणी पर किसी का ठेका नहीं चलेगा। एसजीपीसी खुद गैर लोकतांत्रिक हो चुकी है। 11 साल से चुनाव नहीं होने के कारण एसजीपीसी कार्यकारी हो चुकी है।

Sikh Gurdwara (Amendment) Bill 2023 passed in Punjab Assembly

मान ने कहा कि पिछले साल श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ने एसजीपीसी को अपना चैनल शुरू करने की सलाह दी लेकिन आज तक नहीं हो सका। इसलिए क्योंकि ये मालिक बने बैठे हैं। अब कमाई चली जाएगी। अमेरिका में 54 डालर का पीटीसी है। टीआरपी का भी फायदा विज्ञापनों के रूप में है।

हम मौका देखकर दाढ़ी खोलने वाले सिख नहीं है


सीएम ने कहा कि कैमरे उतने ही रहेंगे, बाहर केवल फीड दी जाएगी। गुरबाणी से आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद तक विज्ञापन नहीं देने का हमने प्रावधान किया है। मुझ पर सिखों के मामलों में दखल देने का आरोप लगा रहे हैं। जब बादल जाते हैं तो रागी भी खड़े हो जाते हैं। हम मौका देखकर दाढ़ी खोलने वाले सिख नहीं हैं।

मान ने दावा किया कि एसजीपीसी दो-चार दिन में पीटीसी के अन्य चैनल पीटीसी सिमरन को प्रसारण का अधिकार देने जा रही है। यानी प्रसारण का अधिकार एक परिवार के पास ही रहेगा। मान ने कहा कि एसजीपीसी गुरबाणी के ऑडियो प्रसारण पर एतराज नहीं कर रही क्योंकि पीटीसी का कोई रेडियो चैनल नहीं है। एसजीपीसी को सिर्फ वीडियो प्रसारण पर एतराज है।

निर्दलीय विधायक ने किया विरोध


निर्दलीय विधायक नछत्तर पाल ने बिल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के साथ मिलकर चर्चा करें और फैसला लें। गुरबाणी का प्रसारण मुफ्त होना चाहिए इसलिए मिल बैठकर फैसला लेना चाहिए। वहीं शिअद के सुखविंदर सुखी ने कहा कि बिल लाने की जरूरत नहीं थी। एसजीपीसी सही काम कर रही है।

इस पर अजीत पाल सिंह ने कहा कि गुरबाणी की पहुंच दुनिया के कोने कोने तक पहुंचे। एसजीपीसी के सदस्य भी सरकार के कदम से खुश हैं। वहीं मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने सवाल उठाया कि
क्या सिख केवल अकाली और बादल परिवार ही हैं। अयाली ने कहा कि ऐसे मसले बैठकर हल करना चाहिए। पंजाब का माहौल शांत रहना चाहिए। इस पर धालीवाल ने कहा कि सदन में बैठकर ही मसला हल कर रहे हैं। क्या गुरबाणी का टेंडर होना चाहिए।

Sikh Gurdwara (Amendment) Bill 2023 passed in Punjab Assembly