वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। कुसुम लोहा प्लांट में गुरुवार को हुए हादसे के 24 घंटे से ज्यादा समय बीतने के बाद भी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन 80 टन साइलो टैंक को हटाने में नाकाम साबित हुए हैं. इसकी वजह से साइलो के नीचे दबे मजदूरों के बचने की संभावना शून्य हो गई है, वहीं मजदूरों की सही संख्या भी नहीं स्पष्ट हो पा रही है. यह भी पढ़ें : बदहाल सड़क, परेशान जनता और विकास के खोखले दावे… देखें बलौदाबाजार जिले की तस्वीर…
हादसे का लाइव वीडियो सामने आया है. इसमें नजर आ रहा है कि किस तरह से 12 सेकंड में साइलो नीचे कड़े ट्रेलर पर जा गिरा. साइलो में तीन मजदूरों के दबने की आशंका जताई जा रही है. वहीं एक घायल मजदूर की गुरुवार को ही इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
हादसे के बाद साइलो को हटाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ जिला प्रशासन की टीम लगी हुई है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों को राहत और बचाव कार्य के निर्देश दिए थे. लेकिन इस दिशा में कयावद अब तक सफल साबित होती नजर नहीं आ रही है.
घटनास्थल के सामने आए वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि साइलो को हटाने के लिए लगाए गए क्रेन नाकाफी साबित हो रहे हैं. 80 टन वजनी साइलो को एक नहीं बल्कि दो-दो क्रेन उठाने में नाकामयाब नजर आ रहे हैं. यहां तक साइलो को उठाने के लिए क्रेन से लगाई गई जंजीर भी टूटती नजर आ रही है.
घटना स्थल की हकीकत
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