हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश में आगामी सिंहस्थ- 2028 के पहले शिप्रा नदी में मिलने वाली कान्ह और सरस्वती के गंदे पानी को शुद्ध करने की कवायद शुरू हो गई है। जिला प्रशासन की बैठक में तय हुआ कि दो से ढाई साल इस प्रोजेक्ट में लगेंगे। लेकिन इस बार किसी तरह की गलती ना हो। कान्ह सरस्वती नदी में मिलने वाले सीवरेज के गंदे पानी को रोकने के लिए अब जोनवार प्लानिंग की जाएगी।

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक में नगर निगम, जिला पंचायत और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए हैं। कलेक्टर ने बताया कि उज्जैन सिहस्थ से पहले शिप्रा को साफ किया जाना है। इसलिए कान्ह सरस्वती नदी को भी साफ किया जाना भी जरूरी है। नदी में मिलने वाले सीवरेज को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। अभी इस काम में दो से ढाई साल लगेंगे। नगर निगम ने 11, एसटीपी 450 किलोमीटर की सीवरेज लाइन डालने का 600 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया है। इस बार कोई गलती ना हो इसलिए राज्य स्तर पर एक्सपर्ट आने के बाद ही किसी भी तरह का काम शहरी क्षेत्र में किया जाएगा। संभवत अगले दो से तीन दिन में एक्सपर्ट आ जाएंगे। इसके बाद सीवरेज को लेकर शहरी क्षेत्र में अलग-अलग जोनवार प्लानिंग की जाएगी।

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