रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में सिंधी अकादमी का नया अध्यक्ष चुना जाना है. ऐसे में अध्यक्ष चुनाने से पहले ही घमाशान जारी हो गया है. छत्तीसगढ़ चैंबर की ओर से जून में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रण दिया गया है. इसी दौरान महासचिव लाल चंद्र गुलवानी ने समाज के कुछ सदस्यों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के लेटर पैड पर अध्यक्ष पद के लिए अपने पद का प्रस्ताव रख दिया है. जिस पर सिंधी समाज के कई सदस्य नाराज हो गए है और इसका विरोध कर रहे हैं.

व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव विक्की रतनानी का कहना है कि चेंबर की किस बैठक एवं समाज ने गुलवानी का नाम तय किया गया. चुपचाप मुख्यमंत्री को अपना नाम सौंप दिया गया है. पूरे सिंधी समाज से राय नहीं लिया गया है, कांग्रेस का अध्यक्ष चुना जाए, लेकिन गुलवानी अध्यक्ष नहीं बने. उनका कहना है कि लालचंद गुलवानी और छत्तीसगढ़ चेंबर के अधिकतर पदाधिकारी भाजपा का प्रतिनिधित्व करते हैं फिर उन्होंने गुलवानी का नाम कैसे प्रस्तावित किया. सिंधी अकादमी का अध्यक्ष एवं समस्त सदस्य कांग्रेसी विचारधारा वाले होने चाहिए, नहीं तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा.

इस संबंध में लालचंद्र गुलवानी का कहना है कि हां हमने समाज के कुछ सदस्यों के साथ मिलकर सीएम भूपेश को मेरे नाम का प्रस्ताव दिया है. सिंधी समाज के तरफ से भी लेटर भेजा जा रहा हैं. आगे उन्होंने कहा कि वो सिंधी समाज के मुखिया है. जब सिंधी अकादमी के लोग विधायक, पार्षद बन सकते हैं तो मैं अध्यक्ष क्यों नहीं बन सकता.

बता दें कि चैंबर अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा, और लालचंद्र गुलवानी के साथ कई वरिष्ठ पदाधिकारी सीएम भूपेश बघेल से मिलने गए थे. वहां उन्होंने सीएम को वार्षिक सम्मेलन की जानकारी देने के साथ ही उन्हें मुख्य अतिथि बनाने का न्यौता दिया है. जिसे सीएम ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि इसका समाज के कई सदस्य इसका पूरजोर विरोध कर रहे हैं. अब देखने वाली बात यह है कि इसमें क्या नया मोड़ आता है. सिंधी अकादमी का अध्य़क्ष कौन बनता है?