रायपुर.मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग पूरी करने की घोषणा करने के बाद छत्तीसगढ़ में भी संविलियन की मांग ने जोर पकड़ लिया है.शिक्षाकर्मी संगठन की मांग को एक बार फिर हवा देते हुए नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव ने सीएम डॉ रमन सिंह के नाम से पत्र लिखकर शिक्षाकर्मियों को तत्काल शिक्षा विभाग में संविलियन करने की मांग की है.
सिंहदेव ने पत्र में लिखा है कि शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति अविभाजित मध्यप्रदेश में हुई थी और तब से लेकर समान काम,समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षाकर्मी लगातार संघर्ष कर रहें हैं.छत्तीसगढ़ बनने के बाद से यहां की सरकार ने शिक्षाकर्मियों के संबंध में मध्यप्रदेश की नीति को ही अपनाया है और मध्यप्रदेश सरकार के निर्णय के मुताबिक ही अपना निर्णय लिया है.सिंहदेव ने लिखा है कि हाल ही मध्यप्रदेश सरकार ने अपने तीन लाख शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन करने की घोषणा कर दी है,ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार को भी शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग को मान लेना चाहिये.
सिंहदेव ने पत्र में तार्किक ढंग से लिखा है कि मध्यप्रदेश के मुकाबले आर्थिक,प्रशासनिक व अन्य संसाधनों के मामले में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर है.ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को तत्काल इस संबंध में निर्णय लेते हुए शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन कर देना चाहिये.सिंहदेव ने सीएम को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि संविलियन इसलिये जरूरी नहीं है कि मध्यप्रदेश में हो रहा है,बल्कि इसलिये जरूरी है कि यह न्यायोजित है.