सिंगरौली। सरई तहसील अंतर्गत सुलियरी खदान में जबरन घुसकर अफरा-तफरी पैदा करने की साजिश सिंगरौली पुलिस ने अपनी समझदारी से नाकाम कर दी. प्रदर्शनकारियों के पथराव से सब इंस्पेक्टर प्रियंका मिश्रा की आंख और चेहरे पर चोटें आईं, वहीं पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया बल के जवानों को भी चोटें आईं, लेकिन संयम का परिचय देते हुए पुलिस ने भीड़ को बेहद शांतिपूर्वक तरीके से नियंत्रित कर लिया.
मेधा पाटकर कुछ राजनीतिक नेताओं के साथ सुलियरी ब्लॉक का विरोध करने के लिए गुरुवार सुबह एक दिवसीय दौरे पर सरई पहुंची थी. दिलचस्प बात यह है की पुलिस ने कानून और व्यवस्था के हित में खनन परियोजना के समर्थकों को उनके ही गांव में प्रवेश करने से रोककर उन्हें पाटकर की सभा में जाकर शांतिपूर्ण अपना पक्ष रखने से रोका था. लेकिन शाम होते ही पाटकर के समर्थकों ने पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया बल के जवानों पर धावा बोल दिया.
भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने मध्य प्रदेश की सुलियारी कोयला खदान को राज्य सरकार के आंध्र प्रदेश खनिज विकास निगम (एपीएमडीसी) को आवंटित किया है. पिछले कुछ हफ्तों में कथित आंदोलनकारियों ने अपने निहित स्वार्थों के लिए सुलियारी खदान के काम में बाधाएं पैदा करना शुरू कर दिया है. स्थानीय लोग बाहरी लोगों के हस्तक्षेप की शिकायत कर रहे हैं जो उन्हें वैध रूप से चल रही खदान के खिलाफ गुमराह कर रहे हैं.
जब पुलिस ने भीड़ को असुरक्षित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए मानव श्रृंखला बनाई गई तो असामाजिक तत्वों ने पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया बल के सदस्यों पर पथराव और कीचड़ फेंकना शुरू कर दिया. हैरानी की बात है कि प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं को आगे कर खदान में घुसने का प्रयास किया. लेकिन पुलिस और त्वरिज प्रतिक्रिया बल के जवानों ने संयम बरतते हुए प्रदर्शनकारियों के मंसूबे को नाकाम कर दिया. जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है.