विक्रम मिश्र, लखनऊ. चीफ एलक्शन कमिशनर ज्ञानेश कुमार गुप्ता के एलान के साथ ही 9 प्रदेशों उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, गोवा, वेस्ट बंगाल और केरल के अलावा तीन यूनियन टेरिटरी (केंद्र शासित प्रदेश) अंडमान निकोबार, पुटटचेरी और लक्षदीप में भी बिहार की तर्ज पर वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम शुरू हो गया है. बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए गड़बडियां कराने का इल्जाम झेल रहे एलक्शन कमीशन पर दोबारा संगीन इल्जामात लगने लगे हैं.

एक बीजेपी और उसकी साथी पार्टियों के अलावा देश की तमाम सियासी पार्टियों ने एसआईआर के जरिए बीजेपी को फायदा पहुंचाने का इल्जाम एलक्शन कमीशन पर लगाया है. बीजेपी ने इस कदम की तारीफ और हिमायत की है. 2026 में जिन प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें असम में एसआईआर नहीं कराया जा रहा है. इस पर विपक्ष को सख्त एतराज है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सभी पार्टियों की मीटिंग बुलाकर एसआईआर की सख्त मुखालिफत की. स्टालिन ने अपनी पोस्ट में लिखा कि हम वोट के अख्तियार को छीनने की किसी भी कोशिश की मुखालिफत करेंगे और वोट चोरी को नाकाम करेंगे. उन्होेंने कहा कि इतनी जल्दबाजी और ट्रांसपेरेंसी के बगैर यह कार्रवाई करना दरअस्ल एलक्शन कमीशन की साजिश है. ताकि लोगों के वोट के हक छीनकर बीजेपी को फायदा पहुंचाया जा सके.

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केरल के सीएम पिनराई विजयन ने एसआईआर को जम्हूरियत के लिए खतरा बताया. उन्होंने कहा कि एलक्शन कमीशन का यह काम शक पैदा कर रहा है कि आखिर एलक्शन से ठीक पहले इस किस्म की कोशिशें क्यों हो रही हैं. एलक्शन कमीशन की कारकर्दगी की वजह से एलक्शन की कार्रवाई में अवाम को यकीन कम हो सकता है. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गुस्से में कहा कि एलक्शन कमीशन अपनी हदें पार कर रहा है. एलक्शन की तारीखों के एलान से पहले सरकारी अफसरान को धमका रहा है. शिवसेना लीडर उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर आप तानाशाही नहीं चाहते तो बोलने का यही सही वक्त है. मैं चुनाव आयोग से कह रहा हूं कि आप अपनी गलतियों में सुधार किए बगैर एलक्शन नहीं करा पाएंगे. फर्जी वोटर्स लिस्ट में शामिल करने के गुनाह के लिए एलक्शन कमीशन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा एलक्शन जीतकर मरकज में सरकार बनाने के बाद एलक्शन कमीशन के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.

इस दरम्यान शिवसेना लीडर आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र में वोट चोरी किए जाने का बड़ा खुलासा किया है और कहा कि एसआईआर वोटचोरी के लिए ही कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोग मुझे बताते थे कि ईवीएम में गड़बड़ी है वीवी पैट मेें गड़बड़ी है लेकिन अब तो वोटर लिस्ट में गड़बड़ी सामने आई है. वोटर लिस्ट में बहुत घोटाला हुआ है. महाराष्ट्र में बीजेपी और एलक्शन कमीशन ने वोट चोरी करके सरकार बनाई है. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद वर्ली असम्बली हलके में बेईमानी करके सोलह हजार वोट बढ़ाए गए. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के वक्त वर्ली विधानसभा हलके में दो लाख बावन हजार नौ सौ सत्तर (252970) वोटर थे जो विधानसभा चुनाव में बढ़कर 2 लाख 63 हजार 352 हो गए. यानी चन्द महीनों में ही 16,043 मतदाताओं में इजाफा हुआ. इस हलके में 19,333 वोटर मशकूक हैं. 502 वोटर्स का नाम एक जैसा है और 643 वोटर्स का जेण्डर गलत दर्ज हुआ है. एक ही कमरे में 38 वोटर्स के नाम दर्ज हैं. कई वोटर्स कार्डों में फोटो ही नहीं है. एक कार्ड में तो सिर्फ नाक की तस्वीर है. उन्होंने कहा यह बेईमानी सिर्फ वर्ली हलके तक ही महदूद नहीं है मुंबई में लाखों वोटर्स हैं जिनकी मौत हो चुकी है उनके नाम भी वोटर्स लिस्ट में मौजूद हैं.

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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर को एसआईआर का एलान करते हुए वाकई अपनी हदें पार कर दी थीं. उन्होंने कह दिया था कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर होकर रहेगा चाहे सीएम ममता बनर्जी इसकी मुखालिफत करें या तृणमूल कांग्रेस के लीडरान की जानिब से धमकियां दी जाएं. इसके जवाब में सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल में एसआईआर नहीं होने देंगी. इससे पहले भी ममता बनर्जी एलक्शन कमिशनर को वार्निंग देते हुए कह चुकी थीं कि आग से मत खेलो बंगाल कोई मामूली प्रदेश नहीं है. अंग्रेज भी यहां से खौफ खाते थे.

अगले साल यानी 2026 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडडूचेरी, केरल और असम में विधानसभा होने हैं. चीफ एलक्शन कमिशनर ने उन सभी रियासतों में एसआईआर शुरू कराने का एलान कर दिया जिनमें अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन असम को छोड़ दिया. ये भी महज इत्तेफाक ही है कि इनमें से एक असम ही ऐसी रियासत है जहां बीजेपी सरकार है, बाकी दूसरी पार्टियों की सरकारें हैं. कई विपक्षी नेता इस पर भी शक करते हैं कि आखिर बीजेपी शासित असम में एसआईआर क्यों नहीं कराया जा रहा है. ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआरसी की कार्रवाई चल रही है. यह कार्रवाई मुकम्मल होने वाली है इसलिए वहां एसआईआर नहीं कराया जा रहा है. असम में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष देबाव्रत सैकिया ने कहा कि एनआरसी मुकम्मल होने में अभी काफी वक्त लगेगा. एसआईआर न कराने की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि चुनाव आयोग और रियासती सरकार ने मिलकर खामोशी के साथ वहां की वोटर लिस्ट अपनी मर्जी मुताबिक बनवा रखी है. उसी के मुताबिक बीजेपी वहां एलक्शन कराना चाहती है.