उत्तर प्रदेश में SIR का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सपा नेता अरविंद सिंह की याचिका पर नोटिस जारी किया गया है. अरविंद ने मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन को चुनौती दी है. इस प्रक्रिया से जुड़ी अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई है. तय समय-सीमा को तीन महीने बढ़ाने की भी अपील की गई है. कोर्ट ने इस मामले को अन्य SIR मामलों से अलग कर दिया है. दायर याचिका पर 18 दिसंबर को सुनवाई तय की गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ ने अरविंद सिंह के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश दिया है. वकील की अपील पर अदालत ने इस मामले को अन्य एसआईआर मामलों से अलग कर दिया. साथ ही, उत्तर प्रदेश से जुड़े एसआईआर मामलों- जिसमें यह याचिका और कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया की याचिका शामिल है उसकी सुनवाई 18 दिसंबर कर दी.
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याचिकाकर्ताओं में समाजवादी पार्टी के नेता के अलावा, डीएमके, एक्टर विजय की टीवीके, सीपीआई (एम), UP कांग्रेस कमेटी, टीएमसी शामिल है. अरविदं सिंह ने UP SIR को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की. इसमें चुनाव आयोग के 27 अक्टूबर के नोटिफिकेशन और अन्य सभी परिणामी आदेशों/निर्देशों को संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 के साथ-साथ RP Act और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए रद्द करने की मांग की है.
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