SIR In Tamil Nadu & West Bengal: देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) में अब सिर्फ 3 दिन का समय बचा है। इन सभी राज्यों में 11 दिसंबर तक एसआईआर के फॉर्म जमा होंगे। इसी बीच अब तक मिले डेटा से पता चला है कि तमिलनाडु में 84 लाख तो बंगाल 54 लाख वोटर्स के नाम कट सकते हैं। इन दोनों राज्यों में अबतक इतने लोगों ने फॉर्म जमा नहीं किया है। इससे इनके नाम कटने की संभावना प्रबलर हो गई है।
बता दें कि तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर इतन वोटर्स के नाम कटते हैं तो राजनीति गरमाना स्वभाविक है।
तमिलनाडु में में अब तक 84.91 लाख एन्यूमरेशन फॉर्म अनकलेक्टेबल श्रेणी में हैं। यानी इन फॉर्म को अलग-अलग कारणों से इकट्ठा नहीं किया सकता है। इसमें अधूरी जानकारी होना, 2003 की लिस्ट में नाम न मिलना, वोटर की मौत या शिफ्ट हो जाना प्रमुख कारण हैं। वहीं बंगाल में विगत शुक्रवार तक अनकलेक्टेबल एन्यूमरेशन फॉर्म की संख्या 54.59 लाख थी। यानी इनके नाम वोटर्स लिस्ट से कटने की आशंका है। जबकि केरल में जिन वोटरों का पता नहीं चल रहा है, जो मर चुके हैं या स्थायी रूप से शिफ्ट हो गए हैं। उनकी संख्या बढ़कर 20 लाख से ज्यादा हो गई है।
चुनाव आयोग ने SIR की डेडलाइन 7 दिन बढ़ाई थी
चुनाव आयोग ने 30 नवंबर को SIR की समय सीमा एक सप्ताह बढ़ाने का फैसला किया था। आयोग ने कहा था कि अब अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। मतदाता जोड़ने-हटाने का एन्यूमरेशन पीरियड यानी वोटर वेरिफिकेशन अब 11 दिसंबर तक चलेगा, जो पहले 4 दिसंबर तक तय था। वहीं, पहले ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन अब इसे 16 दिसंबर को जारी किया जाएगा।
4 राज्यों में नाम कटने की वर्तमान स्थिति
- तमिलनाडु- 16 दिसंबर को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची से इन नामों को हटाया जा सकता है। यह आंकड़ा राज्य के कुल 6.41 करोड़ मतदाताओं का 13.24% है। इसमें 44.22 लाख फॉर्म हमेशा के लिए शिफ्ट श्रेणी में हैं। वहीं 26.18 लाख को मृत, 10.73 लाख को अनुपस्थित और 3.5 लाख को डुप्लीकेट श्रेणी में रखा गया है। हालांकि मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा है कि प्रक्रिया अभी चल रही है। ये डेटा फाइनल नहीं है।
- पश्चिम बंगाल- 23.71 लाख डेथ वोटर्स, 10.25 लाख लापता, 19.08 लाख शिफ्टेड और 1.26 लाख डुप्लीकेट वोटर्स शामिल हैं।
- केरल- अनकलेक्टेबल की लिस्ट में 20.75 लाख लोग हैं। इसमें से 7.39 लाख स्थायी रूप से शिफ्ट हो गए हैं। 6.11 लाख फॉर्म ऐसे लोगों के हैं, जो मर चुके हैं। वहीं 5.66 लाख का पता नहीं चला है। 1.12 लाख नाम डुप्लीकेट हैं।
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