हेमंत शर्मा, इंदौर। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गी की विधानसभा क्षेत्र में चल रहे SIR फॉर्म वेरिफिकेशन के दौरान बड़ा मामला सामने आया है। बीजेपी मंडल अध्यक्ष द्वारा वेरिफिकेशन के समय कुछ संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया, जिनके दस्तावेजों को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। मंडल अध्यक्ष का दावा है कि पकड़े गए लोग बांग्लादेशी हैं और मुस्लिम समुदाय से जुड़े बताए जा रहे हैं।

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वेरिफिकेशन के दौरान दस्तावेज संदिग्ध लगे

बताया गया कि वेरिफिकेशन के दौरान जब आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों की जांच की गई, तो कई दस्तावेज संदेह के घेरे में आ गए। ओटीपी वेरिफिकेशन और मोबाइल लिंकिंग में गड़बड़ियां सामने आने के बाद मंडल अध्यक्ष ने मौके पर ही पुलिस को सूचना दी और सभी संदिग्धों को थाने ले जाया गया। मंडल अध्यक्ष ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के सहारे देश में रह रहा है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से मांग की है कि दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाए और यदि बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं, तो उन्हें डिपोर्ट किया जाए।

बांग्लादेशी पाए जाने पर डिपोर्ट किया जाए

इस पूरे घटनाक्रम के बाद इलाके में हड़कंप की स्थिति है। वहीं पुलिस का कहना है कि सभी संदिग्ध लोगों के आधार कार्ड, पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही यह तय होगा कि आगे क्या कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्रशासन मामले को संवेदनशील मानते हुए हर पहलू से जांच में जुटा है। जांच के दौरान यदि कोई भी व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के साथ रहना पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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