रायपुर. राजधानी के आशीर्वाद भवन में सोमवार को सीटू राज्य के 6वें सम्मेलन के दूसरे दिन महासचिव के प्रतिवेदन को उपमहासचिव कामरेड मनोहर ने पेश किया. इसके बाद पूरे प्रदेश से आए 200 से अधिक प्रतिनिधि एवं प्रेक्षक भाग लिये. जिसमें स्टील, कोल, दवा प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी, बीड़ी मजदूरों, मध्यान्ह भोजन सहित अन्य यूनियन के सदस्यों की भागीदारी रही.

सम्मेलन में 10 जुलाई 2018 केंद्र सरकार के द्वारा श्रम कानूनों में परिवर्तन करके चार कोड में परिवर्तित करना, ट्रेड यूनियन कानूनों को खत्म करना, पेंशन योजना को समाप्त करना तथा संसदीय बहुमत का दुरुपयोग कर पास किए गए वेतन कोड और वर्तमान सत्र में हड़ताल पर रोक जैसे प्रावधान के साथ औद्योगिक संबध विधेयक जैसे कई अन्य श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया और कहा कि सरकार के इस मालिकपरस्त कदम को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा.

इसी क्रम में केंद्रीय उपक्रमों के करीब 60 फीसदी से ज्यादा सरकारी हिस्सा पूंजी को बाजार में बेचने के आक्रामक कदम उठाना, बीपीसीएल, एयर इंडिया, कर्नाटका एंटीबायोटिक जैसी कई अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी हाथों में बेचने के सरकारी कदम का भी सम्मेलन ने कड़ा विरोध करने का  प्रस्ताव पारित किया गया.

यह सम्मेलन सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एक व्यापक लामबंदी करके 8 जनवरी 2020 को एक विशाल हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लेने का फैसला करेगी,

सभा को सीटू  के अखिल भारतीय महासचिव कॉमरेड तपन सेन ने देश की वर्तमान परिस्थितियों के बारे में विस्तार से लोगों के समक्ष रखा एवं सचिव प्रतिवेदन पर चर्चा के दौरान लोगों के बातों को सुनते समझते हुए दूसरे दिन के सम्मेलन का समापन हुआ. सम्मेलन कल दोपहर उपरांत समाप्त होगा. सम्मेलन में संगठन को मजबूत करने और सीटू के विस्तार पर भी विमर्श जारी है. सम्मेलन के अंत में कल आगामी संघर्ष को अंतिम रूप देते हुए नए समिति का भी चुनाव होगा.