Nandigram Violence: पश्चिम बंगाल का (West Bengal) नंदीग्राम एक बार फिर से सुलग उठा है। BJP और TMC कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में बीजेपी महिला कार्यकर्ता की मौत (Death of BJP woman worker) हो गई है। इसके अलावा बीजेपी के 7 कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं। इसके बाद हालात बेकाबू हो गए। स्थिति बिगड़ती देख सेंट्रल फोर्सेज ने मोर्चा संभाल लिया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि रेयापारा चौकी के प्रभारी अधिकारी को हटाया जाए, नंदीग्राम के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मतदान के दिन केंद्रीय बल की तैनाती की जाए।
यह घटना 22 मई की देर रात नंदीग्राम के सोनचूरा की बताई जा रही है। तणमूल कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने धारदार हथियार से बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया था। हमले में BJP की महिला कार्यकर्ता रथीबाला आड़ी की मौत हो गई। वहीं कई लोग घायल हो गए। महिला कार्यकर्ता की मौत के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है।
इधर घटना के विरोध बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर और पेड़ की शाखाएं फेंककर सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन किया। सुबह से ही बीजेपी समर्थक नंदीग्राम थाने के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद एसडीपीओ ने प्रदर्शनकारियों को बुलाया और मेघनाथ पाल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने एसडीपीओ से बात की। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और स्थिति पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है।
लाठी चार्च के बाद बिगड़े हालात
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय बल नंदीग्राम पहुंचे और लाठीचार्ज किया। यहां के सोनाचुरा इलाके में एक दुकान में आग लगा दी गई। इसके अलावा कुछ और दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई है। टीएमसी का आरोप है कि बीजेपी समर्थकों ने टीएमसी समर्थकों की दुकान में आग लगा दी है और कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की है।
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शुभेंदु अधिकारी जाएंगे नंदीग्राम, पीड़ित परिवार से करेंगे मुलाकात
इधर शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात करने की बात कही है। नंदीग्राम हत्याकांड के संबंध में सोशल मीडिया पोस्ट में शुभेंदु अधिकारी ने इशारों में कहा कि यह टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के भड़काऊ भाषण के कारण हुआ है। अभिषेक बनर्जी ने कल नंदीग्राम में एक जनसभा को संबोधित किया था। हालांकि अधिकारी ने सीधे तौर पर अभिषेक का नाम नहीं लिया।
2007 में हुई हिंसा में मारे गए थे 14 लोग
बता दें कि 2007 में हुई हिंसा में भी नंदीग्राम में 14 लोगों की मौत हो गई थी। वाममोर्चा सरकार ने स्पेशल इकनॉमिक जोन के तहत जमीन अधिग्रहण शुरू किया था। इसका नंदीग्राम के लोग विरोध कर रहे थे। इस विरोध में ममता बनर्जी की अग्रणी भूमिका थी। हालात यहां तक पहुंच गए कि 14 मार्च 2007 को पुलिस ने गोली चला दी थी। इसमें 14 लोग मारे गए थे। आरोप के मुताबिक पुलिस के साथ-साथ वाम मोर्चा के कई लोग भी शामिल थे।
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