रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब राज्य सरकार के खिलाफ एक ही कार्य़काल में तीसरी बार विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है. खबर है कि कांग्रेस इस बार बीजेपी सरकार पर दर्जनों नहीं बल्कि सिर्फ 15 आरोपों के बूते अविश्वास जताएगी. चुनावी साल में विपक्ष की हैसियत से कांग्रेस की यह बड़ी रणनीति का हिस्सा है.

अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़े करने की चाक चौबंद तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस पिछली बार की तरह हवा-हवाई आरोपों की जगह दस्तावेजी प्रमाण के बूते बीजेपी सरकार पर आरोप लगाएगी, जिनमें किसानों की आत्महत्या, सेक्स सीडी कांड की सीबीआई जांच में घिरे व्यक्ति की कथित आत्महत्या, बिजली संकट, स्वास्थ्य के क्षेत्र में अव्यवस्था, शिक्षा में गिरावट, बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेलगाम नक्सलवाद, प्रशासनिक आतंकवाद जैसे कई मुद्दों को शामिल किए जाने के संकेत हैं.

सरकार ने तैयार की जवाबी रणनीति

विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के बीच रमन सरकार ने जवाबी रणनीति तैयार कर ली है. बुधवार को सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने छह मंत्रियों समेत करीब आधा दर्जन बीजेपी विधायकों के साथ रायशुमारी कर अचूक रणनीति तैयार की है. विपक्ष के तमाम आरोपों का बेहद ही आक्रामक ढंग से जवाब देने के लिए चेहरे भी तय कर लिए गए हैं. सूत्र बताते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव पर जिन छह मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर, कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले के नाम शामिल हैं. इसके अलावा जिन मंत्रियों के नाम चर्चा में शामिल नहीं किए गए हैं, उनके विभागों से जुड़े आरोपों पर जवाब देने की जिम्मेदारी भी इन छह मंत्रियों को दी गई है. वहीं बीजेपी के विधायक जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष के आरोपों पर जवाब देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें शिवरतन शर्मा, देवजीभाई पटेल, श्रीचंद सुंदरानी, सांवलाराम डहरे, अवधेश चंदेल, सरोजनी बंजारे, रूपकुमारी चौधरी और चंपादेवी पावले के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं.

सूत्र बताते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव पर जवाबी रणनीति तैयार करने बुलाई गई बैठक में अलग-अलग विभागों से जुड़े करीब 15 सचिव भी मौजूद रहे. सचिवों से विपक्ष के संभावित आरोपों को लेकर चर्चा की गई है. सचिवों ने मंत्रियों को संभावित आरोपों के तहत क्या जवाब सदन में दिया जा सकता है? इसे लेकर फीडबैक भी दिया है. इन्हीं फीडबैक के आधार पर सदन में मंत्री और विधायक विपक्ष पर हमला बोलेंगे.

कांग्रेस भी कमर कस कर कूदेगी मैदान में, लगाएगी आरोपों की झड़ी

अविश्वास प्रस्ताव के लिए कांग्रेस ने इतनी मेहनत कभी नहीं की है. जरूर इस बार आरोप बेहद सीमित हैं, लेकिन इसे लेकर कांग्रेस की तैयारी असीमित रही है. मंगलवार को कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को जब सदन में पेश किया गया, तो नियमतः विपक्ष के दशांक सदस्यों ने खड़े होकर उसका समर्थन किया. इसके बाद ही आसंदी ने छह तारीख को दोपहर बारह बजे का समय चर्चा के लिए सुनिश्चित किया है. हालांकि रमन सरकार के तीसरे कार्यकाल में दो बार विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोपों में रिपीटिशन देखे गए हैं. इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा है कि-

केंद्रीत मुद्दों पर ही चर्चा होगी. आरोपों के रिपीटिशन का सवाल नहीं है. रिपीटिशन का कारण है. यदि किसानों से जुड़ी बात नहीं लाई जाएगी, तो कहेंगे कि किसानों के लिए सब कुछ कर दिया गया है, अगर शिक्षा के गिरते स्तर पर सवाल नहीं उठाएंगे, तो कहा जाएगा बेहतर व्यवस्था कर दी गई है, यदि बिजली की समस्या नहीं उठाएंगे, तो सवाल पूछा जाएगा. स्वास्थ्य में गिरावट पर आरोप नहीं लगाएंगे, तो बताया जाएगा कि स्वास्थ्य में बेहतर व्यवस्था की गई है. हर क्षेत्र में नई परिस्थितियां जन्म लेती है. उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता. संदर्भ जरूर दूसरा हो सकता है. जैसे नसबंदी का मुद्दा पीछे था, लेकिन मौजूदा दौर में यदि अस्पतालों को पीपीपी माॅडल पर दिया जाएगा, तो यह मुद्दा है. किसानों की आत्महत्या का उल्लेख नहीं होगा, तो सवाल उठेगा कि 15 सालों में सरकार ने क्या किया है? सरकार पर हमारा विश्वास नहीं रह गया है. सीडी कांड में जांच के दौरान यदि किसी की मौत हो जाती है. सीबीआई जांच में किसी पत्रकार की मौत हो जाती है, तो इन्हें आरोप पत्र में जगह दी ही जाएगी. चर्चा को विस्तारित रूप में किया जाएगा.  जिस हद तक कांग्रेस को जनता के रूप में माना जाता है,उस हद तक छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं को इन आरोप पत्रों में परिलक्षित किया जा रहा है.