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रायपुर। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) के छठवें राज्य सम्मेलन में सारकेगुडा में रमन सरकार के राज में फर्जी मुठभेड़ में मारे गए आदिवासियों की हत्या के दोषियों की दण्डित करने की मांग की गई. सम्मेलन में सचिव धर्मराज महापात्र के द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में बस्तर में निर्दोष आदिवासियों के हत्या के लिए जिम्मेदार लोग वे चाहे किसी भी पद पर हो उन पर हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने व पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की मांग भूपेश सरकार से की है.
सचिव धर्मराज महापात्र ने कहा कि ये मामला बस्तर में आदिवासियों के हत्या के खेल को उजागर करता है. सम्मेलन ने सर्वस्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया है. सम्मेलन ने मोदी सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण की मुहिम को देशविरोधी कदम करार देते हुए जनता की संपत्ति की लूट का पुरजोर विरोध करते हुए, नोटबंदी, जीएसटी की तबाही, बढ़ती बेरोजगारी, महागाई, छटनी और आर्थिक मंदी में देश की खस्ताहाल हालत का विरोध किया गया. इसके खिलाफ 8 जनवरी 2020 के देशव्यापी हड़ताल को भारत बंद में तब्दील करने के लिए उस दिन प्रदेश की आम जनता से भी अपना सब कारोबार बंद कर मोदी सरकार को जनविरोधी क़दमों से पीछे हटने जनदबाव कायम करने में सहयोग करने की अपील की है.