रायपुर। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू), का तीन दिवसीय छठवां राज्य सम्मेलन,कॉमरेड एस कुमार नगर (आशीर्वाद भवन, बैरन बाजार) में संपन्न हुआ. सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद तपन सेन ने कहा कि भारत का संविधान, भारत का लोकतंत्र खतरे में है और इसकी रक्षा के लिए संघर्ष करना भारत के मजदूर आंदोलन की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने मजदूर हितों पर बढ़ते खतरे को रेखांकित करते हुए कहा कि मजदूर वर्ग को आने वाले समय मे बेहद तीखे संघर्ष के लिए तैयार होना होगा. निजीकरण, रोजगार के खत्म होते अवसर, बेरोजगारी की बढ़ती दर, देश की दिनों दिन खराब होती आर्थिक दशा के लिए उन्होंने मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार बताया.

उन्होंने मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों को खत्म और असरहीन करने की कोशिशों किये जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने सारे मजदूर संगठनों को एक मंच पर आकर तीखा संघर्ष संगठित करने को इस समय की जरूरत बताया. उन्होंने कहा कि भारत के मजदूर वर्ग 8 जनवरी 2020 की देशव्यापी हड़ताल के जरिए सरकार को इसका करारा जवाब देंगे. उल्लेखनीय है कि बीएमएस को छोड़कर देश के समस्त केंद्रीय ट्रेड यूनियन, स्वतन्त्र फेडरेशनों, केन्द्र, राज्य कर्मचारियों ने 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल का आव्हान किया है. जिसका समर्थन किसान, छात्र संगठनों ने किया है. उन्होंने कहा कि सीटू का 6 वां राज्य सम्मेलन मजदूर आंदोलन को सही दिशा देने में सफल रहेगा.

सम्मेलन में नवगठित प्रदेश सरकार से भी सभी श्रम समिति का गठन किए जाने व श्रमिको से किए गए वादे पूरे न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी. सम्मेलन में 47 सदस्यीय नई राज्य समिति का भी चुनाव किया गया, जिसमें अध्यक्ष- बी सान्याल, कार्यकारी अध्यक्ष – एस पी डे, उपाध्यक्ष- जे एस सोढ़ी, अंजना बाबर, लल्लन सोनी, शांत कुमार, महासचिव – एम के नंदी, उपमहासचिव – वी एम मनोहर, सचिव – धर्मराज महापात्र, एस सी भट्टाचार्य, नवीन गुप्ता, एस एन बैनर्जी, गजेन्द्र झा, सुखेंदु घोष, समीर कुरैशी, योगेश सोनी कोषाध्यक्ष – ए के ध्रुव तथा 30 सदस्य राज्य समिति ने चुने गत. साथ ही अखिल भारतीय सम्मेलन हेतु प्रतिनिधि का भी चुनाव हुआ. सम्मेलन में कोयला, इस्पात, बालको, पावर, माइंस, संगठित, असंगठित क योजना कर्मी यूनियनों के 200 चुने हुए प्रतिनधियों ने हिस्सा लिया.