सत्या राजपूत, रायपुर. अगर आपसे पूछा जाए स्कूल में बगैर शिक्षक पढ़ाई हो सकती है तो आप कहेंगे नहीं, क्या बिना डॉक्टर हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज हो सकता है तो भी आप कहेंगे नहीं, लेकिन ऐसा कारनामा राजधानी रायपुर में किया जा रहा है। वैसे तो हॉस्पिटल के लिस्ट में एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों के नाम हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि जिन डॉक्टरों का नाम हॉस्पिटल के पोस्टर पर लिखा है इन डॉक्टरों को ही नहीं पता है कि वहां वो इलाज करते हैं.

हम बात कर रहे हैं राजधानी रायपुर के SK केयर हॉस्पिटल की। 50 बेड वाले इस अस्पताल में एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों के नाम तो पोस्टर पर चमक रहे हैं, लेकिन हकीकत में न तो कोई MBBS डॉक्टर 24 घंटे मौजूद रहते हैं और न ही ये नाम वाले डॉक्टर यहां काम करते हैं। मरीजों के आरोप हैं कि आयुष्मान भारत योजना के तहत फ्री इलाज का दावा करने के बावजूद नकद पैसे वसूले जा रहे हैं। इस मामले में जिला स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम गठित की है, जिसकी रिपोर्ट तीन दिनों में आने की उम्मीद है।

लिस्ट में लिखे डॉक्टरों ने कहा – अस्पताल का नाम ही नहीं सुना है

लल्लूराम डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के रिसेप्शन पर चिपकी लिस्ट में डॉ. अलका जोहरी, डॉ. अमीनुद्दीन कुरैशी, डॉ. प्रशांत साहू समेत 15 से ज्यादा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के नाम हैं, लेकिन जब इन डॉक्टरों से संपर्क किया गया तो सबका जवाब एक ही था कि हमने इस अस्पताल का नाम भी नहीं सुना है, यहां काम नहीं करते। डॉ. अलका जोहरी ने कहा, मैं तो दूसरे शहर में प्रैक्टिस करती हूं, यह कौन सा हॉस्पिटल है? इसी तरह डॉ. प्रशांत साहू ने साफ इनकार किया कि वे कभी SK केयर आए ही नहीं हैं।

RMO के भरोसे मरीजों का चल रहा इलाज

लिंक रोड लक्ष्मी नगर स्थिति ये अस्पताल 4,500 वर्गफुट की चकाचक बिल्डिंग पर चल रहा है, लेकिन अंदर का हाल वैसा ही खतरनाक लग रहा है। मरीजों का इलाज RMO (रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर) के भरोसे चल रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक 50 बेड वाले अस्पताल में 24 घंटे दो MBBS डॉक्टर अनिवार्य है।

मरीजों का आरोप – आयुष्मान कार्ड से इलाज हुआ फिर भी पैसे वसूले

अस्पताल आने वाले मरीजों ने भारी आरोप लगाए हैं। एक मरीज ने बताया कि आयुष्मान कार्ड दिखाया, लेकिन इलाज के बाद 5,000 रुपये नकद मांगे गए। डॉक्टर तो दिखे ही नहीं, RMO ने इंजेक्शन लगाया। एक अन्य मरीज ने कहा, दिनभर में दर्जनों मरीजों का आयुष्मान कार्ड से इलाज हुआ, लेकिन हर बार नगद पैसे भी वसूले गए। मरीजों का कहना है कि फर्जी डॉक्टरों की लिस्ट से वे गुमराह होते हैं और जान जोखिम में पड़ जाती है।

आयुष्मान योजना के बड़े घोटालों के संकेत

यह मामला छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना के बड़े घोटालों की कड़ी का हिस्सा लगता है। हाल ही में राज्य में 15 अस्पतालों की रजिस्ट्रेशन रद्द हो चुकी है, क्योंकि फर्जी क्लेम्स के जरिए करोड़ों की धोखाधड़ी पकड़ी गई। नेशनल एंटी-फ्रॉड यूनिट (NAFU) की जांच में 6.66 करोड़ क्लेम्स में से 2.7 लाख फर्जी पाए गए, जिनका मूल्य करोड़ों में है।

जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी सख्त कार्रवाई : CMHO

एसके केयर अस्पताल की शिकायत मिलते ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मिथिलेश चौधरी ने तुरंत एक जांच टीम गठित कर दी है। टीम में डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं, जो अस्पताल की सुविधाओं, डॉक्टरों की मौजूदगी और आयुष्मान क्लेम्स की पड़ताल करेगी। CMHO चौधरी ने कहा, नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई होगी। राज्य सरकार ने पहले भी 10 सरकारी और कई प्राइवेट अस्पतालों पर शो-कॉज नोटिस जारी किए हैं।

हॉस्पिटल प्रबंधन ने कहा – हमारे यहां सभी डॉक्टर रजिस्टर्ड

इस मामले में SK केयर हॉस्पिटल के प्रबंधन सेवक राम साहू ने कहा, हमारे यहां सभी डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं और 24 घंटे MBBS डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। आयुष्मान योजना के तहत कोई अतिरिक्त वसूली नहीं होती। नोटिस जारी हुआ है। जांच करने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हॉस्पिटल आए थे। सोमवार को कार्यालय बुलाया गया है।