Skanda Sashti Vrat: स्कंद षष्ठी का त्योहार भगवान कार्तिकेय के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सफलता मिलती है. इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.

पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 4 जनवरी को रात 10 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 5 जनवरी को रात 8:15 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के आधार पर स्कंद षष्ठी 5 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी. यह नए साल की पहली स्कंद षष्ठी होगी, जब भक्त भगवान कार्तिकेय की पूजा करेंगे.

स्कंद षष्ठी का महत्व (Significance of Skanda Sashti Vrat)

स्कंद षष्ठी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है. यह त्यौहार आमतौर पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से वीरता, बुद्धि और विजय का आशीर्वाद मिलता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और भगवान की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.