भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने अंगरक्षक को छप्पड़ मारने के मामले में आज अंततः सफाई देनी पड़ गई, लेकिन अंदाज कुछ अलग था. भोपाल में आज से शुरू हुई आईपीएस ऑफीसर्स मीट का शुभारंभ करते समय सीएम शिवराज ने पूरे विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि मेरा मकसद लोगो से मिलना उन तक पहुँचना था.
आपको बता दें लल्लूराम डॉट कॉम ने सबसे पहले इस खबर को प्रसारित किया था. चार दिन पहले 15 जनवरी को धार जिले के सरदारपुर नगर परिषद में रोड़ शो के दौरान सीएम ने अपने ही अंगरक्षक को दो थप्पड़ जड़ दिए थे. बताया जाता है कि रोड शो के दौरान अंगरक्षक बार-बार सीएम से टकरा रहा था, जिससे ख़फ़ा होकर सीएम अपना आपा खो बैठे और उन्होंने ब्लैक सूट पहने अंग रक्षक को धक्का भी मार दिया था. लल्लूराम डॉट कॉम की इस खबर के बाद मामले ने जमकर तूल पकड़ा था और शांत, सौम्य स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जमकर किरकिरी हुई थी. लोगों ने इस घटना के लिए मुख्यमंत्री की निंदा की थी. गुर्जर समाज से ताल्लूक रखने वाले अंगरक्षक के साथ हुई इस घटना से समाज के लोगों में काफी गुस्सा था. घटना से गुस्साए समाज ने सीएम का पुतला दहन किया था. वहीं आम आदमी पार्टी ने थाने में सीएम के खिलाफ आवेदन दिया था.
कट्टरवाद लोकतंत्र के लिए खतरा
आफीसर्स मीट को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते मुझे मध्यप्रदेश पुलिस के बेहतर काम पर गर्व है. उन्होंने कहा कि पुलिस जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए है. सीएम ने कहा कट्टरवाद पूरे देश के लिए चुनौती है, लोगों को बांटने की कोशिश हो रही है. अगर ऐसे लोग सफल हुए तो लोकतंत्र के लिए खतरा होगा. कट्टरवाद पर गंभीरता से विचार होना जरूरी है. सोशल मीडिया में अफवाहों और उसके दुरुपयो को लेकर सीएम ने कहा कि सोशल मीडिया पर भी विचार होना चाहिए.
सीएम ने कहा जब सब आनंद मनाते हैं पुलिस सुरक्षा में लगे रहते हैं. पुलिस कर्मियों में बढ़ते सुसाइड के मामलों पर बोलते हुए सीएम ने कहा पुलिस विभाग में सुसाइड के मामलों से मैं भी हिल गया.जरूरत है पुलिस में इस तनाव को खत्म करना. निष्पक्ष रहकर काम करना जरूरी है. निष्पक्ष रहकर सभी का विश्वास जीतना जरूरी है.
पुलिस आफीसर्स को नसीहत
सीएम ने आफीसर्स मीट में शामिल हुए पुलिस अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि वर्दी का अहंकार न हो. धैर्य रखें, धैर्य खोए नहीं. उत्साह भी जरूरी है, मन मे निराशा ना आने दें. इसके साथ ही सीएम शिवराज ने कहानी सुनाकर आईपीएस को मोटीवेट किया कि अपने काम से निराश न हो चुनौतियां का सामना करें, काम को आनंद से करें.