प्रदीप ठाकुर, देवास। शहर के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में आरोपी जोया उर्फ मोनिशा डेविड को पुलिस ने राजस्थान भीलवाड़ा से गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने आरोपी को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है। देवास का नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर हनी ट्रैप का शिकार हुआ था।
डॉ पवन कुमार चिल्लोरिया के 11 पन्ने के शिकायत पर सिटी कोतवाली पुलिस ने 19 अगस्त को मुख्य आरोपी भीलवाड़ा निवासी जोया उर्फ मोनिशा डेविड के अलावा देवास के डॉक्टर संतोष दाभाड़े, डॉक्टर महेन्द्र गालोदिया के खिलाफ धारा 384,120 B के तहत केस दर्ज किया था।

पुलिस ने नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर पवन कुमार चिल्लोरिया की शिकायत पर 19 अगस्त को राजस्थान भीलवाड़ा की जोया उर्फ मोनिशा डेविड, देवास के कैलादेवी रोड निवासी डॉक्टर संतोष दाभाड़े एवं टोंकखुर्द निवासी डॉक्टर महेंद्र गालोदिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।

हसीनाओं के हुस्न के जलवे और उनकी अदाओं के हनी में ट्रैप होते ही ब्लैकमेलिंग और जबरिया वसूली का काला कारोबार शुरू हो गया। मामले में एक नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर से एक हसीना (विष कन्या) और दो डाक्टरों ने मिलकर 9 लाख रुपए ऐंठ लिए। जब खेल यहीं खत्म नहीं हुआ तो डॉक्टर ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत में बताया कि उनके पास एक फोन आया जिसमें सामने महिला थी। उसने कहा आप डॉक्टर सिंघल बोल रहे हैं तो डॉ पवन चिल्लोरिया ने कहा नहीं। आपको यह नंबर किसने दिया तब महिला ने कहा मैं जोया बात कर रही हूं। डॉक्टर सिंघल से बात करना थी, लेकिन आपका नंबर लग गया। फिर दोबारा फोन आया और महिला बोली आपसे बात की तो लगा कि आप अच्छे इंसान हैं। आपसे दोस्ती की जा सकती है। बस यहीं से शुरू हुआ सिलसिला और उन्हें हनी के जाल में ट्रैप कर रुपए ऐंठ लिए। डॉक्टर के आवेदन पर पुलिस ने जांच शुरू की और शहर के तीन वकीलों को नोटिस जारी कर उनके भी बयान दर्ज किए गए है। माना जा रहा है कि अभी इसमें कई परतें खुलने बाकी हैं। मामले में परत दर परत कई चेहरे और बेनकाब हो सकते हैं।

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