रायपुर. बच्चे अकसर रोते हैं, छोटी उम्र में बच्चों का रोना आम बात है. छोटे बच्चों के रोने का कारण हैं कि वे अपनी बात को सही तरह से कह नहीं पाते, जिससे अपनी बात को कहने के लिए रोने का सहारा लेते हैं. इसीलिए आपके बच्चे अपनी बात कहने के लिए रोने का सहारा लेते हैं. वैसे बच्चे के रोने के और भी कई कारण हो सकते हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि बच्चे शाम को या रात में क्यों रोते हैं. अचानक बच्चे नींद में उठकर रोना क्यों शुरू कर देते हैं.

आपके साथ भी कभी ऐसा अनुभव हुआ होगा आपका बच्चा अचानक नींद से जागकर रोना शुरू कर देता है. जब बच्चे को अच्छे से तैयार करें या बाहर लेकर जाएँ तो शाम को या रात को रोए या परेशान करें तो ये नजर दोष भी हो सकता है. इसका कारण लग्न, तीसरे, छठवे, अष्टम या एकादश स्थान में शनि का होना भी है. अथवा इन स्थानों का स्वामी होकर शनि अगर छठवे आठवे या बारहवे स्थान में आ जाए अथवा राहु से पापाक्रांत हो जाए तो बच्चे को जल्दी ही नजरदोष होता हैं या अष्टम के ग्रह या तीसरे स्थान का ग्रह अष्टम में होना भी होता है. अगर किसी बच्चे को बार बार नजर दोष लग रही हो तो उसे शनि की शांति करने के साथ ही कुछ अध्यात्मिक उपाय भी करने चाहिए.

  • थोड़ी सी राई, नमक, आटा और सात सूखी लाल मिर्च लेकर नजर दोष से पीड़ित बच्चे के सिर पर से सात-बार घुमाकर आग में डाल दें. नजरदोष होने से मिर्च जलने पर गन्ध नहीं आएगी.
  • घर के निकट वृक्ष की जड़ में शाम को थोड़ा सा कच्चा दूध डाल दें. फिर गुलाब की अगरबत्ती जलाएं. नजरदोष दूर हो जाएगा.
  • पुराने कपड़े की सात चिंदियां लेकर सिर पर से 21 बार उसारकर आग में जलाने से बच्चे को लगी नजर समाप्त हो जाती है.
  • पीली कौड़ी में छेद करके बच्चे को पहनाने से उसे नजर नहीं लगती.

इसके साथ ही अगर अक्सर ये हो रहा हो तो शन‌ि मंत्र का 17000 जाप कर हवन कराना चाहिए. शन‌िवार के द‌िन हनुमान मंद‌िर में जाकर हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान जी के कंधे पर लगा स‌िंदूर का त‌िलक करें.