Small Savings Schemes: सरकार ने लगातार चौथी तिमाही जनवरी-मार्च तिमाही के लिए लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है.

इससे पहले अप्रैल-जून (Q1FY25), जुलाई-सितंबर (Q2FY25) और अक्टूबर-दिसंबर (जुलाई-सितंबर) तिमाहियों में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था. यानी Q4FY25 तिमाही के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और किसान विकास पत्र (KVP) समेत सभी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी.

PPF पर 7.1 प्रतिशत ब्याज दर

फिलहाल पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1 प्रतिशत और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2 प्रतिशत ब्याज दर मिलती है. सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर फैसला लेने से पहले देश की लिक्विडिटी की स्थिति और महंगाई पर भी नजर रखती है.

हालांकि, पीपीएफ, एनएससी और केवीपी समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की हर तीन महीने में समीक्षा की जाती है. छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 4% से 8.2% तक होती हैं. सरकार ने दिसंबर 2023 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी.

हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है

छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की हर तिमाही में समीक्षा की जाती है. इनकी ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था. समिति ने सुझाव दिया था कि इन योजनाओं की ब्याज दरें समान परिपक्वता वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 0.25-1.00 प्रतिशत अधिक होनी चाहिए.

Small Savings Schemes: ब्याज दरों की समीक्षा हर तिमाही में की जाती है

छोटी बचत योजनाएं भारत में घरेलू बचत का प्रमुख स्रोत हैं. इनमें 12 साधन शामिल हैं. इन योजनाओं में जमाकर्ताओं को उनके पैसे पर निश्चित ब्याज मिलता है. सभी छोटी बचत योजनाओं से प्राप्त राशि राष्ट्रीय लघु बचत कोष (एनएसएसएफ) में जमा की जाती है. छोटी बचत योजनाएं सरकारी घाटे के वित्तपोषण के स्रोत के रूप में उभरी हैं.