चंद्रकांत/बक्सर: बिहार के बक्सर सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए स्मार्ट क्लासेस शुरू हो गई है. यह पहल जेल सुधार विभाग और गृह मंत्रालय की है. इसका उद्देश्य कैदियों को शिक्षित और प्रशिक्षित करना है, ताकि रिहाई के बाद उन्हें रोजगार मिल सके. बक्सर के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने भी इस पहल का समर्थन किया है.
ऑडियो-विजुअल के जरिए ट्रेनिंग
बक्सर सेंट्रल जेल अधीक्षक ने बताया कि कैदियों को ऑडियो-विजुअल माध्यम से पढ़ाया जाएगा. कई तरह के कौशल भी सिखाए जाएंगे. इससे कैदियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. रिहाई के बाद उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि कैदियों को उनकी शिक्षा पूरी करने और विभिन्न कौशल सीखने का अवसर दिया जाएगा. स्मार्ट क्लासरूम में एक अनुकूल वातावरण बनाया गया है, ताकि कैदियों को ऐसा महसूस हो कि वह सीखने की प्रक्रिया में शामिल हैं, न कि जेल के अंदर हैं.
ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा
पहले चरण में 25 कैदियों को बांस के उत्पाद बनाने और अन्य हस्तशिल्प सिखाए जाएंगे. IGNOU और NIOS जैसे संस्थानों से ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा भी उपलब्ध होगी. यह पहल कैदियों के पुनर्वास में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस आने में मदद मिलेगी.
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