रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को स्मार्ट बनाने न जाने कितने ही सौ करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. अब इसी कड़ी में 10 करोड़ रुपये की राशि उन चौत-चौराहों पर खर्च की जाएगी, जहां पहले भी करोड़ों का विकास हो चुका है.


दरअसल रायपुर नगर निगम की मेयर इन कउंसिल ने शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव के मद्देनजर चौक-चौराहों के विकास पर जोर दिया है. विकास के लिए 10 करोड़ की राशि का प्रस्ताव किया है. परिषद ने निर्णय लिया कि शहर के 18 चौक-चौराहों पर कई तरह के विकास कार्य कराएंगे. इन कार्यों से शहर में यातायात की समस्या को दूर करना और शहर को सुंदर और व्यवस्थित बनाना शामिल है.
महापौर मीनल चौबे ने एमआईसी सदस्यों के साथ मिलकर शहर के जिन 18 चौक-चौराहों में विकास की कार्ययोजना तैयार की वो इस तरह है-
आनंद नगर चौक – 60.17 लाख
अनुपम नगर चौक – 57.72 लाख
भगत सिंह चौक – 62.60 लाख
बंजारी-मोती बाग चौक – 64.92 लाख
भारत माता चौक गुढ़ियारी – 55.67 लाख
भारत माता चौक शंकर नगर – 55.67 लाख
फाफाडीह चौक – 56.31 लाख
जय स्तंभ चौक – 58.29 लाख
कालीबाड़ी चौक – 51.54 लाख
खम्हारडीह थाना चौक – 59.17 लाख
खजाना चौक – 63.53 लाख
लाखे नगर चौक – 60.76 लाख
लोधी पारा अवंति बाई चौक – 33.37 लाख
महिला थाना चौक – 57.78 लाख
मेक इन इंडिया स्कॉयर – 37.82 लाख
राजीव गांधी चौक – 61.60 लाख
शास्त्री चौक – 52.23 लाख
शारदा चौक – 53.97 लाख
पैसों का सदपुयोग
महापौर मीनल चौबे का कहना है कि नगरोत्थान योजना के तहत शासन ने लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. इसके बाद निगम के अधिकारियों ने 18 चौक-चौराहों का निरीक्षण किया था. आर्किटेक्ट से प्रेजेंटेशन मंगाया गया है. आवश्यकता अनुसार विकासकार्यों पर राशि खर्च की जाएगी. मैं भरोसा दिलाती हूं कि जनता के लिए अच्छा काम होगा. पैसे का सदुपयोग होगा.
ट्रैफिक समस्या का हल
वहीं निगम आयुक्त विश्वदीप बताते हैं कि शहर में ट्रैफिक समस्या को देखते हुए महापौर परिषद ने चौराहों पर विकास कार्यों का प्रस्ताव पारित किया है. इन विकास कार्यों पर चौक-चौराहों के पास- लेफ्ट हैंड फ्री एरिया, अंडर ग्राउंड केबलिंग, रोड लेन मार्किंग, स्ट्रीट लाइट्स, स्मूथ ट्रैफिक फ्लो जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं.
वार्डों के लिए पैसे नहीं
वैसे ऐसा नहीं है कि इन चौक-चौराहों इतनी बड़ी राशि पहली बार खर्च की जा रही है. कांग्रेस सरकार में महापौर एजाज ढेबर की परिषद ने भी करोड़ों ने ख़र्च किया था. वीआईपी चौक से तेलीबांधा थाना तक का सौंदर्यीकरण में तो एक बड़ा भ्रष्टाचार भी उजागर हुआ था. वहीं प्रमोद दुबे महापौर परिषद ने तो करोड़ों रुपये सायकल ट्रैक बनाने में खर्च कर दिया था. खैर मौजूदा समय में होने वाले खर्च को लेकर निगम में प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता आकाश तिवारी अब मानते हैं कि ये सब फिजुलखर्ची है. वार्डों के लिए पैसे नहीं और चौराहों पर करोड़ों फूंका जाएगा.
खैर फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि रायपुर में शुद्ध पेयजल मिले या न मिले, लेकिन चौराहों पर विकास होता रहे. जलभराव से मुक्ति मिले या न मिले, लेकिन सौंदर्यीकरण का दिखावा चलता रहे. स्कूल भवन जर्जर है तो जर्जर रहे, लेकिन शहर को रंगने का काम चलता रहे. आप ही बताइए कि कहे तो क्या-क्या कहे. लेकिन एक उम्मीद है, जो सबके हिस्से है. मेरे भी और आपके भी. इसलिए उम्मीद है कि पैसों का सदपुयोग ही होगा.
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