इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) बनाने वाली कंपनियों के संगठन एसएमईवी ने मंगलवार को सरकार से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये पूरे देश में पथकर से छूट के साथ एकीकृत नीति तैयार करने का आग्रह किया. एसएमईवी (सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को लिखे पत्र में कहा कि देश में इलेक्ट्रिक परिवहन व्यवस्था की ओर बदलाव में तेजी लाने के लिये एक सतत और अनुकूल नीतिगत माहौल जरूरी है.

एसएमईवी (सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को लिखे पत्र में कहा कि देश में इलेक्ट्रिक परिवहन व्यवस्था की ओर बदलाव में तेजी लाने के लिये एक सतत और अनुकूल नीतिगत माहौल जरूरी है.

संगठन के एजेंडा को बढ़ावा देने वाले मुख्य प्रचारक संजय कौल ने लिखा है, ‘‘मैं सड़क कर छूट को लेकर एक एकीकृत नीति पर विचार करने का अनुरोध करने के लिये यह पत्र लिख रहा हूं. यह नीति पर्यावरण अनुकूल और भरोसेमंद परिवहन विकल्पों की स्वीकार्यता को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. यह हमारे देश के पर्यावरण और आर्थिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा.’’

एसएमईवी ने एसोसिएशन के एजेंडे को संशोधित करने में मदद करने के लिए जुलाई में कौल को अपना मुख्य प्रचारक नामित किया था. उन्होंने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा FAME II योजना के जरिए बीच में ही सब्सिडी कंपोनेंट्स को कम करने के फैसले के मद्देनजर, सरकार का यह इनपुट (ईवी के लिए रोड टैक्स छूट की एकीकृत नीति) और भी ज्यादा प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हो जाएगा. कौल ने कहा, सड़क टैक्स और पंजीकरण शुल्क सिर्फ नौकरशाही औपचारिकताएं नहीं हैं, बल्कि ये ईवी के उत्थान या पतन को प्रभावित करने वाले निर्णायक कारक हैं.

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत उन्नत बैटरी प्रणाली के कारण अधिक होती है. ऐसे में ये सड़क टैक्स के रूप में अतिरिक्त लागत संभावित खरीदारों को हतोत्साहित कर सकती है.

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