रायपुर- 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा घोषित किये गये 78 उम्मीदवारों की सूची की पड़ताल करने पर यह बात सामने आ रही है कि इसमें समाज के हर जाति और वर्ग को साधने की कवायद की गई है.राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 29 अनुसूचित जनजाति के लिये और 10 अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित है,जबकि 51 सीटें अनारक्षित है. अनारक्षित सीटों में टिकट बंटवारे में भाजपा ने फूंक-फूंक कर कदम रखा है और समाज के सभी जाति एवं वर्ग के बीच संतुलन बनाये रखने की कोशिश की है.आईये आपको बताते हैं कि समाज के किन-किन बर्ग को फोकस करते हुए बीजेपी ने उम्मीदवार तय किये हैं.
क्षत्रीय समाज- भाजपा ने पिछले बार की तरह इस बार भी क्षत्रीय समाज से 6 उम्मीदवारों को टिकट दिया है.इनमें राजनांदगांव से मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, बेलतरा से रजनीश सिंह,बेमेतरा से अवधेश सिंह चंदेल, अंबिकापुर से अनुराग सिंहदेव, अकलतरा से सौरभ सिंह और चंद्रपुर से संयोगिता सिंह जूदेव को मैदान में उतारा है.पिछले बार भी क्षत्रीय समाज से 6 लोगों को टिकट दिया गया था,जिनमें से चार उम्मीदवार डॉ रमन सिंह, राजू सिंह क्षत्रीय, युद्धवीर सिंह जूदेव और अवधेश सिंह चंदेल चुनाव जीतकर विधायक बने थे,शेष दो उम्मीदवार अंबिकापुर से अनुराग सिंहदेव और अकलतरा से दिनेश सिंह चुनाव हार गये थे.अबकी बार क्षत्रीय समाज से जीते हुए दो विधायकों राजू सिंह क्षत्रीय और युद्धवीर सिंह जूदेव के टिकट काट दिये गये हैं,जबकि पिछली बार हारे हुए प्रत्याशी दिनेश सिंह की टिकट भी काट दी गई है.युद्धवीर सिंह की जगह उनकी पत्नी संयोगिता सिंह जूदेव को टिकट दिया गया है,जबकि दिनेश सिंह की जगह बसपा से भाजपा में आये सौरभ सिंह को टिकट दी गई है. खास बात ये है कि तखतपुर और बेलतरा विधानसभा के बीच क्षत्रीय और ब्राम्हण उम्मीदवारों की अदला बदली की गई है. तखतपुर से राजू सिंह क्षत्रीय की जगह हर्षिता पांडेय को टिकट दी गई है और बेलतरा से बद्रीधर दीवान की टिकट काटकर रजनीश सिंह को टिकट दी गई है.
ब्राम्हण समाज-भाजपा ने इस बार भी पिछली बार की तरह पांच ब्राम्हण उम्मीदवारों को टिकट दी है,जिनमें भटगांव से रजनी त्रिपाठी,तखतपुर से हर्षिता पांडेय, भाटापारा से शिवरतन शर्मा, राजिम से संतोष उपाध्याय और भिलाई नगर से प्रेमप्रकाश पांडेय के नाम शामिल हैं. इस बार ब्राम्हण समाज से जिन पांच लोगों को टिकट दी गई है,उनमें से चार को पिछले चुनाव में भी टिकट दी गई थी,जबकि बेलतरा से विधायक बद्रीधर दीवान की टिकट बढ़ती उम्र के चलते काट दी गई है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय को पहली बार टिकट दिया गया है.
वैश्य समाज-भाजपा ने अग्रवाल और जैन समाज से जुड़े 7 उम्मीदवारों को टिकट दी है,जिनमें रायगढ़ से रोशन लाल अग्रवाल,बिलासपुर से अमर अग्रवाल,कसडोल से गौरीशंकर अग्रवाल,रायपुर पश्चिम से राजेश मूणत, रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल,साजा से लाभचंद बाफना, जगदलपुर से संतोष बाफना और धरसींवा से देवजी भाई पटेल के नाम शामिल हैं.खास बात ये है कि ये सभी सातों उम्मीदवार पिछला चुनाव भी लडे थे और सभी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.इस समाज का मंत्रिमंडल और विधानसभा में दबदबा भी रहा है.
पिछड़ा वर्ग-भाजपा ने जहां अब तक सवर्ण समाज से 18 उम्मीदवारों को टिकट दी है,वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े प्रत्याशियों को भी बड़े पैमाने पर टिकट दी है. अब तक के 78 प्रत्याशियों में से साहू समाज के दस और कुर्मी समाज के 6 लोगों को टिकट दी गई है.साहू समाज से इस बार लोरमी से तोखन साहू,सक्ती से मेघाराम साहू,खल्लारी से मोनिका साहू,रायपुर ग्रामीण से नंदे साहू, अभनपुर से चंद्रशेखर साहू, धमतरी से रंजना साहू,पाटन से मोतीलाल साहू, दुर्ग ग्रामीण से जागेश्वर साहू,कवर्धा से अशोक साहू और खुज्जी से हीरेन्द्र साहू को टिकट दी गई है. पिछली बार साहू समाज से कुल 12 लोगों को टिकट दी गई थी, जिनमें से पांच उम्मीदवार जीतकर विधायक बने थे.इन पांच में से तीन विधायकों की टिकट काट दी गई है,जिनमें दुर्ग ग्रामीण से रमशीला साहू, सक्ती से डॉ खिलावन साहू और खल्लारी से चुन्नीलाल साहू के नाम शामिल हैं.हालांकि इन तीनों विधायकों की जगह साहू समाज के लोगों को ही टिकट दी गई है.
बात कुर्मी समाज की करें,तो अब तक इस समाज से 6 लोगों को टिकट दी गई है,जिनमें खरसिया से ओ.पी.चौधरी( अघरिया कुर्मी), बिल्हा से धरमलाल कौशिक, कुरुद से अजय चंद्राकर, दुर्ग शहर से चंद्रिका चंद्राकर, पंडरिया से मोतीराम चंद्रवंशी और जांजगीर-चांपा से नारायण चंदेल के नाम शामिल हैं. पिछले चुनाव में इस समाज से 7 लोगों को टिकट दी गई थी,जिसमें से अजय चंद्राकर और मोतीराम चंद्रवंशी ही जीत पाये थे.
अन्य पिछड़ा वर्ग की इन दो प्रमुख जातियों के अलावा जायसवाल,राजवाड़े,महतो,देवांगन,लोधी और यादव समाज से एक एक उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है.इस तरह अब तक घोषित किये गये 78 प्रत्याशियों में समाज के सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है. इस सूची में 14 महिला उम्मीदवारों को टिकट दी गई है,जबकि युवा उम्मीदवारों के साथ- साथ अनुभवी उम्मीदवारों को भी टिकट देकर सामंजस्य बनाने की कोशिश की है.अब देखना होगा कि भाजपा के इस सोशल इंजीनियरिंग का आगामी चुनाव में कितना प्रभाव रह पाता है.