दिल्ली. देश में चल रही तमाम विदेशी इंटरनेट मीडिया कंपनियों Facebook, Twitter और YouTube को आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इन कंपनियों ने अभी तक नए इंटरमीडिएट्री नियमों के मानदंडों का पालन नहीं किया है. सरकार द्वारा नए नियम फरवरी में पारित किए गए थे, हालांकि 50 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स वाले “महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज” के लिए विशेष प्रावधान बुधवार, 26 मई को लागू होने हैं.

बता दें कि ये प्रावधान प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शिकायत निवारण के लिए कम से कम तीन अधिकारियों की नियुक्ति करने को कहते हैं, और साथ ही एक विशिष्ट आचार संहिता का पालन करने के लिए भी कहा गया है. जिसकी फ्री स्पीच के सिद्धांतों का उल्लंघन करने के लिए आलोचना भी की गई है.

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कंपनी ने कहा है कि वह आइटी नियमों के प्रावधानों का पालन करेगा और कुछ मुद्दों पर बातचीत चल रही है. मीडिया के मुताबिक, Facebook के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा लक्ष्य आइटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है और कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा करना जारी रखना है जिनके लिए सरकार के साथ बात करने की आवश्यकता है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों Facebook, Twitter और YouTube को फरवरी में कुछ नियमों का पालन करने का निर्देश दिया था. इसके लिए कंपनियों को 3 महीने का समय दिया गया था जिसकी अवधि 26 मई यानी कल पूरी हो रही है. इन कंपनियों ने अभी तक केंद्र के नियमों का पालन नहीं किया है.

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केंद्र सरकार द्वारा 25 फरवरी 2021 को देश के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आइटी मंत्रालय की तरफ से डिजिटल कंटेंट को रेग्यूलेट करने के लिए तीन महीने के अंदर ग्रीवांस आफिसर, कंप्लायंस आफिसर, नोडल आफिसर की तैनाती की जिम्मेदारी दी गई थी और इन सभी का कार्यक्षेत्र भारत में होना चाहिए था.

केंद्र की तरफ से दिए गए आदेश के तहत कंपनियों को कंप्लायंस अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और उनका नाम व कॉन्टैक्ट एड्रेस भारत का होना चाहिए, 15 दिन के अंदर शिकायत का निपटारा करने की व्यवस्था, आपत्तिजनक पोस्ट की निगरानी जैसी सामान्य व्यवस्था जैसी चीजें नए नियमों में शामिल हैं.