महासमुंद के सिरपुर क्षेत्र के ग्राम अचानक पुर (खडाउपार) से सामाजिक बहिष्कार का मामला आया है. 2015 से कंवर परिवार के सदस्यों भारतलाल कंवर, अमरीका बाई कंवर, त्रिवेणी कंवर, नीरज कंवर, डायमंड कंवर और उनके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया है. साथ ही यह फरमान भी जारी किया है कि उस परिवार से यदि कोई बात करेगा तो उस पर जुर्माना लिया जाएगा.

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया उक्त परिवार का गांव में निकास, सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने, हुक्का पानी बंद कर दिया गया है. कंवर विवाह होने में भी परेशानी आ रही है. परिवार में शादी होने पर 30 हजार का जुर्माना रख दिया. जिससे डरकर उनके परिवार की शादी में न ही गांव के लोग शामिल हुए और न ही समाज के लोग शामिल हुए. जिससे उक्त परिवार के सदस्य परेशान हो गए हैं. समाज में वापस मिलाने के लिए 1 लाख रुपये की मांग की गई है.

डॉ. मिश्र ने प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिख कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है. डॉ मिश्र ने कहा महासमुंद के सिरपुर के अचानकपुर (खडाउपार) के कंवर परिवार के सदस्यों ने बताया कि, उन्होंने स्थानीय स्तर शिकायत भी की है पर कार्रवाई न होने से सामाजिक पंचों के हौसले बुलंद हैं. उक्त परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है. बार-बार इस प्रकार की प्रताड़ना होने से परिवार के लोग गांव में अपमानित और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. देश का संविधान हर व्यक्ति को समानता का अधिकार देता है.

आगे उन्होंने कहा, सामाजिक बहिष्कार करना, हुक्का पानी बंद करना एक सामाजिक अपराध है. यह किसी भी व्यक्ति के संवैधानिक और मानवाधिकारों का हनन है. प्रशासन को इस मामले पर कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिलाने की आवश्यकता है. साथ ही सरकार को सामाजिक बहिष्कार के संबंध में एक सक्षम कानून बनाना चाहिए. ताकि किसी भी निर्दोष को ऐसी प्रताड़ना से गुजरना न पड़े. किसी भी व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ना देना, उसका समाज से बहिष्कार करना अनैतिक और गंभीर अपराध है. शासन से अपेक्षा है सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ सक्षम कानून बनाने की पहल करें. ताकि हजारों बहिष्कृत परिवारों को ना केवल न्याय मिल सके बल्कि वे समाज में सम्मानजनक ढंग से रह सकें.