सुशील खरे, रतलाम। समीपस्थ ग्राम पलसोड़ा में एक माह पूर्व ब्लैकमेलिंग और प्रताडऩा से तंग आकर ग्रामीण द्वारा खुदकुशी के मामले में पुलिस ने कचरू राठौड़ सहित दो अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया और उन्हें अपनी अभिरक्षा में लिया। इसी दौरान एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें मृतक हाथ पैर जोड़ते हुए कुछ लोगों से माफी मांग रहा है

उल्लेखनीय की कचरू राठौड़ ने अपनी छवि समाजसेवी के रूप में बना रखी थी और इसी की आड़ में उच्च अधिकारियों का हवाला देकर इस प्रकार के कृत्य करता था। 16 जनवरी 2022 को प्रताडऩा से तंग आकर पलसोड़ा निवासी मुकेश माली ने कीटनाशक पीया था, जिसकी 17 जनवरी की सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई थी। पीएम रिपोर्ट पश्चात मामले की जांच में जुटी नामली पुलिस के सामने मृतक मुकेश माली के परिजन ने बयान दिया। बयान में बताया कि घटना की सुबह मृतक मुकेश के पुत्र ईश्वर से राधेश्याम पिता प्रेमचंद्र आंजना के घर के बाहर मोटरसाइकिल में टक्कर लग गई थी।

इसके बाद आरोपी कचरू राठौड़, प्रहलाद आंजना एवं राधेश्याम तीनों निवासी पलसोड ने दुर्घटनास्थल पर वीडियो बनाकर मुकेश के घर पहुंच गए। वहां एक लाख रुपए नकद, नई मोटरसाइकिल सहित जमीन विवाद का केस वापस लेने के लिए धमकाया था। आरोपियों ने उक्त दुर्घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दबाव बनाया था। पुलिस ने मृतक मुकेश माली की पत्नी अनीता और पुत्र ईश्वर माली के बयान तथा साक्ष्य के आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 306 एवं 385 सहित 34 में प्रकरण दर्ज किया जानकारी अभिषेक तिवारी एसपी ने दी।

गिरफ्तारी के दौरान भी हंगामा
प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपी कचरू राठौड़ को टीआई प्रीति कटारे के नेतृत्व में गांव पलसोड़ा गिरफ्तार करने पहुंची। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने पुलिस को सत्तापक्ष के दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाता रहा। इसके अलावा आरोपी ने अपने समर्थकों को भी एकत्र कर लिया था, लेकिन उसकी एक नहीं चली और पुलिस उसे गांव से गिरफ्तार करके सीधे थाने पहुंची।

प्रताडऩा से तंग होकर खुदकुशी करने वाले मुकेश की पत्नी अनीता ने बताया कि उसके और कचरू के बीच एक जमीन का विवाद लंबे समय से चल रहा था। 16 जनवरी को उनके पुत्र ईश्वर से कार क्रमांक एमपी-43 सी-4095 से आरोपी राधेश्याम आंजना की मोटरसाइकिल को टक्कर लगने के बाद कचरू को दोबारा धमकाने का मौका मिला। आरोपी कचरू राधेश्याम और प्रहलाद ने विवाद केस वापस लेने के लिए काफी धमकाया था। उसके बाद पीड़ित ने खुदकुशी कर ली थी। पुलिस ने कचरु एवं उसके साथियों को गिरफ्तार कर  न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश हुए।

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