रवि रायकवार, दतिया: किसी का भला हो तो नेक काम करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। ऐसा ही काम दतिया के कुछ युवा कर रहे हैं। दतिया में कई कैदी सजा काटने के बाद जुर्माना अदा न कर पाने के कारण जेल में बंद हैं। इन गरीब कैदियों की मदद के लिए कुछ युवा समाज सेवी आगे आ रहे हैं। युवा समाज सेवियों की इस पहल से दो कैदी आजाद होकर समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैं।
सुरेंद्र दांगी को धोखाधड़ी के मामले में न्यायालय ने साढ़े चार साल की कैद और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। सजा तो सुरेंद्र ने जैसे-तैसे काट ली, लेकिन गरीब होने के कारण यह जुर्माना अदा नहीं कर सका। घरवालों की दशा इतनी दयनीय है कि वे साढ़े चार साल में एक बार भी मिलने नहीं आए। ऐसे में रोटरी क्लब के सदस्य और युवा समाजसेवी शख्स की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने जुर्माना भरा और तब जाकर कैदी आजाद हो पाया। दतिया में कई कैदी ऐसे हैं जो सजा काटने के बाद थोड़ा सा जुर्माना अदा न कर पाने के कारण जेल में बंद हैं।
समाज सेवियों की मदद से दो कैदी हुए रिहा
समाज सेवियों की इस अभिनव पहल के चलते दो कैदी आजाद हुए हैं। कैदियों को समाज में अच्छे नजरिए से नहीं देखा जाता इसलिए इनकी कोई मदद भी नहीं करता,लेकिन ये भी सच है कि कई कैदी हालातों के कारण अपराध के दलदल में फंस जाते हैं। ऐसे में दतिया के समाज सेवियों की पहल निश्चय ही सराहनीय पहल है।
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