नितिन नामदेव, रायपुर। राजधानी से सटे माना मंडी में धान में मिट्टी की मिलावट का मामला सामने आया है. एक-दो नहीं बल्कि धान के सैकड़ों बोरों में मिट्टी और भूसी पाई गई. किसानों की माने तो यह गड़बड़ी कोई और नहीं बल्कि खुद मंडी संस्थापक आज से नहीं बल्कि सालों से कर रहा है. इसे भी पढ़ें : आयकर विभाग की रायपुर और राजनांदगांव में दबिश, जमीन कारोबारी और फाइनेंसर निशाने पर…
माना के रहने वाले किसान और जनपद सदस्य लेखू बैंस ने बताया कि माना धान मंडी में हमने कल आकर देखा तो सभी बोरों मिलावट किया गया है. बोरों में धान के साथ मिट्टी भी मिलाया जा रहा है. जब किसान यहां धान लाकर बेचते हैं. तो यहां धान की सफाई होती है. उसके बाद इसे सरकार को दिया जाता है. लेकिन यहां पर धान के बोरों में धान के साथ मिट्टी के ढेले निकल रहे हैं.
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किसानों का आरोप है कि सारा खेल मंडी के संस्थापक टेकराम बघेल के कहने पर हो रहा है, और यह अभी की बात नहीं है, पिछले कई सालों से यह काम हो रहा है. किसानों ने आरोप लगाया कि सोसायटी में करीब 1275 कट्टा कम है. हमें संदेह है कि उसी को कवर करने के लिए बोरो में मिट्टी और भूसा मिलाया जा रहा है. 5 सालों से कांग्रेस की सरकार थी. उन्हीं का अध्यक्ष है. उन्हीं के अधिकारी हैं. उन्हीं के संरक्षण में यह हो रहा है.
पूर्व सरपंच प्रतिनिधि रामेश्वर पटेल ने कहा कि इसमें कौन-कौन सम्मिलित है. यह पता नहीं किसने किया है. गांव वाले कह रहे हैं, शिकायत कर रहे हैं. वास्तव में यहां पर धांधली हुई है. यह खेल कितना बड़ा है, इसकी जांच करने पर ही पता चलेगा. इसकी शिकायत भी करेंगे. मंडी के संस्थापक के साथ बैठकर बात करूंगा. उसके बाद उचित कार्रवाई की मांग करूंगा.
मामले को लेकर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकार जयंती बाड़ा ने कहा कि मैने अभी वहां जाकर देखा तो मिलावट हुआ है. धान के बोरों में मिट्टी और भूसी मिला है. यह जो भी हुआ है, क्लोजिंग के बाद हुआ है. पूरी तरह से लापरवाही हुई है. वहीं मंडी संस्थापक टेकराम बघेल खुद सवाल करते हैं कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है. मैं पता लगाता हूं. अपने सुरवाइजर को मैने भेजा है. जिसने भी लापरवाही की है, उस पर कार्यवाही होगी.
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